रिकांगपिओ, 16 जनवरी : हिमाचल प्रदेश लोकमित्र संचालक महासंघ की राज्य स्तरीय वर्चुअल बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में प्रदेश सरकार और सीएससी ई गवर्नेंस इंडिया सर्विसेज लिमेटेड के द्वारा जो डिपू होल्डर को लोकमित्र केन्द्र के सेवाएँ देने की बात कही है। सभी सदस्यों व प्रदेश के लोकमित्र संचालको ने कड़ा विरोध जताया है। किन्नौर लोकमित्र केंद्र के अध्यक्ष रविन्द्र चारस, महासचिव आनंद नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार और सीएससी ई गवर्नेंस इंडिया सर्विसेज लिमेटेड के साथ मिलकर सभी लोकमित्र संचालकों के भविष्य के साथ बहुत खिलबाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि लोकमित्र संचालकों ने 2008 से दिन रात एक कर जनता की सेवा कर लोकमित्र के नाम को शिखर पर पहुंचाया है। घर-घर जाकर जनता को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आम जनमानस तक पहुंचाने में भरसक प्रयास किए हैं।
कोविड जैसी वैश्विक महामारी में जहां सभी लोकमित्र संचालकों ने अपनी सेवाएं देकर अपनी अहम भूमिका निभाई है। जिसके लिए लोकमित्र संचालक सम्मान के हकदार हैं। वहीं आज सरकार के इस फैसले से सभी लोकमित्र संचालकों को बेरोजगार करने का निर्णय बहुत ही निंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार लोकमित्र संचालकों के साथ इसी तरह सौतेला व्यवहार करती है, तो लोकमित्र संचालक महासंघ हिo प्रo इसके लिए अदालत का रुख भी अपना सकती है। अगर जरूरत पड़ी तो इस निर्णय का विरोध करने के लिए एक महा आन्दोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
हिमाचल में लगभग 6500 से अधिक लोकमित्र केंद्र संचालक अपनी सेवाएँ दिन रात दे रहे हैं, और अपनी एक पहचान बनाई है। आज हर गाँव में हर व्यक्ति और हर वर्ग के लोगों के साथ लोकमित्र संचालकों का एक सामाजिक और व्यवहारिक रिश्ता बन चुका है। सरकार अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करें और इस फैसले को वापिस लिया जाये। अपनी मांगों को लेकर इससे पहले भी प्रदेश लोकमित्र संचालक महासंघ मुख्यमंत्री से कई बार मिल चुके है, पर उनकी तरफ से आज तक कोई भी सार्थक जवाब नहीं आ पाया है। महासंघ ने लिखित तौर पर भी सरकार के सामने अपनी समस्याओं को कई बार रख चुके है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी बात नहीं मानेगी तो वह सड़कों पर उतर कर विरोध करने में भी पीछे नहीं हटेंगे।