रिकांगपिओ, 23 जुलाई : उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बागवानी विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार द्वारा बागवानों की आर्थिकी सुदृढ करने के लिए आरम्भ की गई विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए बागवानों को प्रेरित करें ताकि बागवानो तक इन योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि जिला सेब व ड्राई फ्रूट के लिए देश भर मे जाना जाता है तथा जिले में 12633.86 हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी की जा रही है। जिले की आर्थिकी में सेब का 403.31 करोड़ रुपये का योगदान हैं। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान जिले में बागवानी की विभिन्न योजनाओं के तहत 2 करोड़ 76 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की विभिन्न योजनाओं के तहत आवंटित बजट का सही प्रकार से उपयोग करें ताकि अधिक से अधिक बागवान लाभान्वित हो सके। उन्होंने कहा कि विशेष केंद्रीय सहायता के तहत बागवानों को सिंचाई के लिए एचडीपी, पाइप इत्यादि की खरीद के लिए 16.93 लाख रू. के बजट का प्रावधान किया गया है। जबकि बागवानों की मांग पर इस वर्ष उन्नत किस्म के सेब व अन्य फलदार पौधे के लिए 1.80 लाख के बजट का प्रावधान किया गया है। बैठक में बागवानी विभाग के जल भंडारण टैंक के निर्माण व प्रूनिंग कैंची ग्राफ्टिंग चाकू व अन्य के लिए अतिरिक्त बजट की मांग की गई। उपायुक्त ने इसके लिए बजट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बागवानों को उन्नत किस्म के सेब व अन्य फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने जिले में मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के तहत अधिक से अधिक बागवानों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में मौन पालन की अपार सम्भावना है। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में योजना के तहत 15 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है जिसे मांग के आधार पर और अधिक बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुम्ब विकास योजना को भी अधिक से अधिक किसानों बागवानों तक पहुंचाने का प्रयास करें तथा इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री खुम्ब योजना के तहत 7 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत इस वर्ष 30 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है।
उपनिदेशक बागवानी चन्द्र मोहन बाली ने कहा कि विभाग द्वारा बागवानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बागवानों को विभाग द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि बागवान नई तकनीक को अपना कर उत्पादन बढा सके।
बैठक में आईटीडीपी विभाग के परियोजना अधिकारी विद्याधर व बागवानी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।