कांगड़ा(एमबीएम न्यूज़): वैज्ञानिक की सोच एक आम आदमी की सोच से पूरी तरह से भिन्न होती है। एक आम आदमी सिर्फ अपनी जरूरतों को देखता है और अपनी जरूरतों के अनुसार ही मेहनत करता है, परन्तु एक वैज्ञानिक पूरे समाज की जरूरतों को ध्यान में रख कर नये प्रयोग एवं खोज में लगा रहता है और अपने परिश्रम एवं निरंतर प्रयासरत रह कर इस लक्ष्य में कामयाब होता है।
वैज्ञानिक बनने के के लिये सबसे पहले लक्ष्य तय करना आवश्यक है तथा इस लक्ष्य को पूरा करने में जी-तोड़ मेहनत जरूरी है। यही वैज्ञानिक बनने के लिए महत्वपूर्ण और पहली सीढ़ी है। यह विचार पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय भटिंडा के उप कुलपति आरके कोहली ने आज राजकीय महाविद्यालय के सभागार में ”लोकप्रिय व्याख्यानश्रृंखला“ के समापन अवसर पर अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में व्यक्त किये।
हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् शिमला द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन स्कूली व कॉलेज विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों को राष्ट्रीय और अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों और वैज्ञानिकों से संवाद का अवसर प्रदान करने के लिये किया गया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान छात्रों और अध्यापकों के साथ पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधनों, प्रदूषण, निष्पक्षता, विविधता और विज्ञान से सम्बन्धित अन्य विषयों से संबन्धित मौजूदा मुद्दों पर विचार मंथन किया गया।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश विज्ञान व तकनीक तथा पर्यावरण परिषद् (हिमकोसट) के संयुक्त सदस्य सचिव कुनाल सत्यार्थी, प्रो0 राजीव कुमार पुरी ने विज्ञान से जुडे़ विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यान दिये। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील कुमार मेहता ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और अपने विचार रखे। जबकि हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद्, शिमला की वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी शुभ्रा बैनर्जी ने अतिथियों का धन्यवाद किया।
इसके अतिरिक्त गुजरात के अहमदाबाद के जेसी बोझ वैज्ञानिक संस्थान से आये हुये वैज्ञानिकों ने राजकीय छात्र पाठशाला धर्मशाला में मोबाईल प्लैटेनेरियम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के अर्न्तगत विभिन्न स्कूलों से आये बच्चों को तारों, ग्रहों, तारामंडल इत्यादि बारे जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर दिल्ली के वैज्ञानिक बी.के.त्यागी, विज्ञान कम्युनिकेटर मुनीष यादव, सहायक निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अंजू लता, रंजना चौधरी शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा स्कूलों के अध्यापक उपस्थित थे।