अमरप्रीत सिंह/सोलन
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा सोलन के व्यंग्यकार डॉ. अशोक गौतम के अठारहवें व्यंग्य संग्रह ‘श्री श्री एक सौ साठ श्री’ और युवा कवि पोरस ठाकुर के प्रथम काव्य संग्रह ‘उम्मीदों की लौ’ का लोकार्पण हुआ। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश कला भाषा एवं संस्कृति अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह, देवराज शर्मा, नेमचंद ठाकुर, डॉ. हेमराज कौशिक, बद्री सिंह भाटिया, डॉ. ओमप्रकाश भारद्वाज, सुदर्शन वशिष्ठ, डॉ. इंद्र सिंह एवं अन्य देश और प्रदेश के साहित्यकार भी मौजूद रहे।
अपने नए व्यंग्य संग्रह के बारे अपने विचार सांझा करते हुए डॉ. अशोक गौतम ने बताया कि पुस्तक मेला वास्तव में ज्ञान के किसी दूसरे कुंभ से कम नहीं है। यह वह स्थान है जहां पाठक और लेखक एक-दूसरे को समझते हैं और एक-दूसरे से मिलते हैं। उन्होंने बताया कि पुस्तक मेले में जाकर हिमाचल प्रदेश के लेखकों की रचनाओं की धमक को देखकर लगता है कि हिमाचल में भी किसी से कम स्तरीय लेखन नहीं हो रहा है। यहां का साहित्य मुख्यधारा से जुड़ा हुआ है। डॉ. अशोक गौतम के देश-विदेश के प्रकाशन संस्थानों से अब तक करीब अठारह व्यंग्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।
अशोक गौतम के तीन व्यंग्य संग्रह अभी और प्रकाशधीन हैं। इस वर्ष ये उनका प्रकाशित होकर आने वाला छठा व्यंग्य संग्रह रहेगा। उनके पाठकों की देश में तो कमी नहीं पर विदेशों में भी उनके पाठक कम नहीं। विश्व पुस्तक मेले में अपने पहले काव्य संग्रह के अनुभव के बारे में युवा कवि पोरस ठाकुर ने बताया कि उन्हें बहुत प्रसन्नता है कि उन्हें इस प्रकार का मंच मिला। लेखन के शुरू में ही इस प्रकार का मंच मिल जाने पर भविष्य में भी लेखन को प्रोत्साहन मिलता है।