वी कुमार/मंडी
ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का दूसरे दिन भी मंडी जिला में खासा असर देखने को मिला। मंडी जिला में फोरलेन निर्माण में लगे मजदूर हड़ताल में शामिल हुए और इस दौरान कामकाज बंद रखा। पंडोह से बनाला तक बन रही टनलों में लगे मजदूरों ने सीटू के बैनर तले इलाके में सड़कों पर उतरकर रोष रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर सीटू के जि़ला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी व कंपनियों के पक्ष में बदलाव कर रही है जिसका पूरजोर तरीके से विरोध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मजदूरों के हित में कोई फैसले नहीं लिए जा रहे और पूंजीपतियों को इसका लाभ पहुंचाया जा रहा है। मजदूरों को न्यूनतम वेतन 18 हजार रूपए नहीं दिया जा रहा और मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नया नियम बना रही है जिसके तहत यूनियन के पंजीकरण के लिए सरकार की अनुमति लेनी पड़ेगी, जबकि छटनी के लिए कंपनियों को खुली छूट दे दी गई है। सरकार ने फिक्स्ड टर्म की नौकरियां देने की पॉलिसी बनाई है जिसके चलते अब कुछ समय के लिए ही रोज़गार मिल पाएगा।
हिमाचल सरकार ने भी आईपीएच, पीडब्ल्यूडी, बिजली, स्वास्थ्य व अन्य विभागों में ठेका प्रथा शुरू कर दी है। जिसमें डेढ़ दो हज़ार के मासिक वेतन देकर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। सरकार ने पेंशन सुविधा भी बन्द कर दी है जबकि विधायकों व मंत्रियों के वेतन व भते तथा पेंशन लगातार बढ़ रहे हैं। इन्होंने फोरलेन निर्माण में लगी कंपनियों से मजदूरों को न्यूनतम वेतन सहित सभी लाभ देने की मांग भी उठाई।