एमबीएम न्यूज़/शिमला
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा है कि रक्तदान जाति-पांति का भेदभाव खत्म करने मे एक सशक्त माध्यम है। वे आज वाल्मीकि जयंती पर विश्वविद्यालय में उमंग फाऊंडेशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन कर रहे थे। शिविर में 60 लोगों ने रक्त्दान किया जिनमें दो दृष्टिबाधित छात्रों समेत बड़ी संख्या में छात्राएं शामिल थीँ।
इस अवसर पर कुलपति समेत 31 लोगों ने नेत्र दान का संकल्प भी किया। वाल्मीकि सभा के पूर्व महासचिव राजपाल द्वारा वाल्मीकि मन्दिर से लाया गया प्रशाद 500 से अधिक लोगों को वितरित किया गया। विश्वविद्यालय कार्यकारणी परिषद के सदस्य एवं उमंग फाऊंडेशन के अध्यक्ष प्रो.अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार ने भगवान वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद रक्तदाताओं को गुलाब भेंट कर उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होनें कहा कि भगवान वाल्मीकि ने भारतीय संस्कृति को समृद्ध बनाने में अमुल्य योगदान दिया। उन्होंने उमंग फाऊंडेशन के सामजिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि जाति,भाषा, प्रान्त, मज़हब आदि के संकीर्ण दायरे तोड़ने में रक्तदान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शिविर में दो दृष्टिबाधित छात्रों- लक्की चौहान और कमल ने भी रक्त्दान कर के उदाहरण पेश किया। रक्तदान करने वालों में शिक्षक, कर्मचारी, और बड़ी संख्या में शामिल थे। शिविर में वाल्मीकि सभा के सदस्यों राजपाल, राजेन्द्र राजू, पन्ना लाल, विनोद भाटिया, और भागराम घई के अलावा उमंग फाऊंडेशन के यशवंत राय, सुरेन्द्र कुमार, टीना कर्मवीर, नीलम, इतिका चौहान, मुकेश कुमार, सवीना जहां, विशाल, दिनेश शर्मा, सतीश ठाकुर, चन्दन झिल्टा, सत्या, गीता नेगी, गुलजारी लाल आजाद, आदि ने सहयोग दिया।