अभिषेक मिश्रा/बिलासपुर
बरमाणा पंचायत प्रधान के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने मोर्चा खोलते हुए बरमाना थाणे में एक शिकायत दी। जिसमे प्रधान के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई है।
बरमाना पंचायत के लघट गाँव के लोगो ने एक शिकायत पत्र बरमाना थाणे में दिया। जिसमे उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद पंचायत द्वारा करीब 3 वर्ष पहले लघट गाँव में गौशाला बनाई गई थी। जिसका आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से आवारा गाय सड़क पर दर दर की ठोकरे खा रही थी। जिसके बाद स्थानीय लोगो ने करीब डेढ़ दर्जन गायो को पंचायत द्वारा बनाई गई गौशाला में बाँध दिया।
इन पशुओ के लिए चारा व प्राथमिक उपचार गाँव वाले अपने स्तर पर करवा रहे थे। परन्तु पंचायत प्रधान ने उन्हें कहा कि जब तक गौशाला का उद्धघाटन नही होता तब तक इस गौशाला में पशुओं को नही रखा जाएगा। अगर कोई जबरदस्ती करता है तो पुलिस बुला कर इन पशुओ को यहाँ से खदेड़ दिया जाएगा। जिसके बाद 28 जुलाई की रात को प्रधान ने इन पशुओ को रात के अँधेरे में इस गौशाला से गायब कर दिया। जिसका पता स्थानीय लोगो को 29 जुलाई की सुबह लगा।
गौशाला से गायब गायो को स्थानीय लोगो ने हर जगह ढूंढा पर यह पशु कहीं नहीं मिले। पुरे बरमाणा में भी यह पशु कहीं नजर नही आ रहे है। गुस्साए स्थानीय निवासी संजीव कुमार, धर्मपाल, पुरषोतम, गीताराम, देवराज, पंकज कुमार, अनिल कुमार, परवीन कुमार, गोरखराम, राम दास, चेत राम, विमला देवी, निक्की देवी, जीतराम, प्रोमिला, अंजू, जितें द्र कुमार व अन्य दर्जनों स्थानीय लोगो ने रविवार को बरमाणा थाना का घेराव कर पंचायत प्रधान के खिलाफ घायल पशुओं को गौशाला से अचानक गायब होने को लेकर ऍफ़आईआर दर्ज करवाई है।
इन लोगो की मांग है कि प्रधान से गायब हुई गायो को बरामद किया जाए। प्रधान के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। लोगो का कहना है कि निर्माणित गौशाला बेसहारा पशुओं के लिए है। जिसमे किसी तरह की राजनीति नही होनी चाहिए। बल्कि पंचायत प्रधान को समस्त ग्रामवासियो के सहयोग से इस गौशाला को चलाना चाहिए था।
वही पर बरमाणा थाना में प्रधान के खिलाफ स्थानीय लोगो द्वारा शिकायत करने के दौरान उनके साथ उपस्थित मानव सेवा संस्थान कोटखाई के जिला अध्यक्ष आमरजीत का कहना है कि गौसदन 3 वर्ष से पूरी तरह तैयार है। परन्तु फिर भी बेसहारा पशु सड़को पर असहाय घूम रहे है। जोकि आय दिन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है। उन्हें वह स्वयं बरसात के मौसम में उपचार के लिए कई बार मजबूरन अपने घर मे रखते है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा असहाय पशुओं के साथ की जा रही इस तरह की क्रूरता को लेकर प्रदेश सरकार एवं प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि जल्दी ही बेसहारा पशुओं को इस गौसदन में सहारा ना मिला तो वह इस पशु क्रूरता के खिलाफ न्यालय का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होंगे। जब इस संदर्भ में हमने पंचायत प्रधान मंजू मनहंस से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि तैयार की गई गौशाला में अभी कर्मचारियों को रखने की व्यवस्था नही है जोकि इन पशुओं की देखभाल करेगा। इसलिए अभी गौशाला के साथ कर्मचारियों के रहने के लिए कमरे का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने हाल ही में एसीसी एवं जिला प्रशासन से भी बात की है। उन्होंने बताया कि बिना प्रशासन की इजाजत के स्थानीय लोगो ने पशुओं को गौशाला में रखा था। वह जल्दी ही पशुओं को रखने की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन से बात कर रही है। क्योंकि पशुओं की देखभाल में रखे जाने वाले कर्मचारियों को वेतन की व्यवस्था भी तो होनी चाहिए। वही पर बरमाणा थाना प्रभारी सुभाष का कहना है कि स्थानीय लोगो द्वारा प्रधान के खिलाफ की गई शिकायत को दर्ज कर लिया गया है।