एमबीएम न्यूज़ / ऊना
प्रदेश के जिला ऊना में पंजाब सीमा के आस-पास पानी का सैंपल सरकारी रिपोर्ट में भी फेल हो गया है। जिसको लेकर प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड अर्लट हो गया है और इसकी सूचना हिमाचल, पंजाब और केंद्र सरकार को दे दी है। इस रिपोर्ट के बाद पंजाब सीमा पर स्थित ग्रामीणों के चिंता का माहौल है। ग्रामीण इन बदतर हालातों के लिए पंजाब क्षेत्र में लगे क्लोरीन प्लांट को जिम्मेवार बताते हैं। बहरहाल अब हिमाचल सरकार के लिए इन गांवों में पानी की बेहतर सप्लाई देना एक नयी चुनौती खड़ी हो गयी है।
बता दें कि जिला ऊना के बीनेवाल व मलूकपुर गांवों से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंजाब में कैमिकल उद्योग है। जहां का गंदा पानी इन गांवों के किसानों के खेतों में आता है, जिस कारण इन किसानों की फसलें तक नष्ट हो रही हैं। ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने जहां के पानी के सैंपल लिए थे।
पानी के सैंपल में पाया गया कि सोडियम की मात्रा अधिक पाई गई है, जो कि काफी घातक है। इस पानी का सेवन करने से दमा, हार्टअटैक, वीपी समेत कई अन्य घातक बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। रिपोर्ट तो कुछ रोज पहले ही आई, लेकिन पानी के कारण फसलों को हो रहे नुक्सान के चलते लोगों ने काफी समय से पानी पीना बंद कर दिया है। इस क्षेत्र में हालात इस कदर चिंताजनक हैं कि जनस्वाथ्य विभाग ने गांव में चल रही पीने के पानी की योजना बंद कर दी है और 2 किमी दूर से पानी की आपूर्ति की जा रही है!
क्या कहता है विभाग
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऊना के अधिशासी अभिंयता एसके धीमान ने कहा कि उक्त गांवों के पानी के सैंपल में सोडियम एनए की मात्रा अधिक पाई गई है। कैमिकल उद्योग पंजाब में है, इसको लेकर पंजाब प्रदूषण बोर्ड को लिखित शिकायत भेज कार्रवाई की मांग उठाई है।