वी कुमार /मंडी
वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार ने अंबेडकर हस्तशिल्प योजना के तहत मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए हस्तशिल्प का कलस्टर स्वीकृत किया है। इसके माध्यम से मंडी और कुल्लू जिला के हस्तशिल्प कारिगरों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। यह जानकारी मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने दी। उन्होनें कहा कि मंडी से इसका शुभारंभ कर दिया गया है। आने वाले समय में जगह का चयन कर वहां पर भवन की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंडी और कुल्लू जिला में हस्तशिल्प कारिगरों को यहां के स्थानीय और पारंपरिक वस्तुओं के निर्माण के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस पर 2 से साढे 6 करोड़ तक की धनराशी खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंडी और कुल्लू जिला में हस्तशिल्प कारिगरों को यहां के स्थानीय और पारंपरिक वस्तुओं के निर्माण के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस पर 2 से साढे 6 करोड़ तक की धनराशी खर्च की जाएगी।
उन्होने कहा कि इस कलस्टर के माध्यम से यहां के हस्तशिल्प कारिगरों का पंजिकरण किया जाएगा। उन्हे पहचान पत्र दिए जाएंगे और साथ ही उन्हे नए डिजाइन और नई तकनिकों के बारे में भी अवगत करवाया जाएगा।
यहां के हस्तशिल्प कारिगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से मुकाबला करने के लिए भी पूरी तरह से ट्रेंड करने का कार्य भी किया जाएगा। साथ ही सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि प्रदेश के हस्तशिल्प कारिगरों को अपने उत्पाद बेचने के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इसके लिए आने वाले समय में प्रदेश में भी भारत के दुसरे राज्यों की तर्ज पर हिमाचल हाट लगाई जाएगी। जिससे की प्रदेश में हस्तशिल्पकारों को आपने उत्पादों को बेचने के लिए स्थान भी मिल जाएगा।
देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों आदि को हिमाचल के पारंपरिक हाथ से बनी वस्तुएं भी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होने कहा कि इससे मंडी संसदीय क्षेत्र के लोगों को स्वरोजगार की तरफ बढावा देने में भी सहायता मिलेगी। इससे पहले सांसद ने मंडी में आयोजित हस्तशिल्प सेमिनार में मुख्य अतिथि शिरकत की। वहां पर उपस्थित हस्तशिल्प कारिगरों को संबोधित भी किया व यहां पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।