अभिषेक मिश्रा / बिलासपुर
बिलासपुर जिला मुख्यालय पर स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में बने पंचकर्मा विभाग में इन दिनों मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा। हैरानी की बात यह है कि पिछले कई सालों से पंचकर्म विशेषज्ञ अस्पताल होने के बावजूद पिछले 1 महीने से ना तो मरीज दाखिल किए जा रहे हैं और ना ही किसी की पंचकर्मा पद्धति से इलाज हो रहा है। इस अस्पताल में कमरों के अंदर टाइल लगाने का काम आयुर्वेदिक विभाग ने किसी निजी ठेकेदार को दिया था।
उस ठेकेदार ने जिस मिस्त्री और मजदूरों को यहां लगाया था वह बीच में काम छोड़कर चले गए। पिछले 10 दिन तक यह काम बन्द रहा। अब 10 दिनों के बाद फिर से वह मिस्त्री और मजदूर आए हैं। लेकिन अभी तक भी यह काम 1 महीने के अंतराल में पूरा होने वाला है। जिससे न केवल मरीजों को परेशानी हो रही है बल्कि जिन मरीजों का पंचकर्मा में इलाज चल रहा था और उन्हें दूसरी सिटिंग के लिए बुलाया गया था। वह भी परेशान है क्योंकि पंचकर्मा यूनिट के जिन कमरों में उनका इलाज होता था उन कमरों को खाली कर दिया गया है।
इन दिनों वहां पर टाइल्स लगाई जा रही है। जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में पंचकर्मा में इलाज करवाने के लिए दूर-दूर से मरीज आते हैं। यहां तक कि इस यूनिट में हिमाचल से बाहर के भी मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं। लेकिन 10 दिन का काम 1 महीने तक ना हो पाने से सभी मरीजों में भारी रोष व्याप्त है।
इस बारे में जब जिला आयुर्वेदिक अधिकारी जय गोपाल शर्मा से बात करनी चाही तो पता चला कि जिला आयुर्वेदिक अधिकारी लंबे अवकाश पर हैं। उनके स्थान पर अन्य किसी ने भी इस बारे में कुछ कहने की जहमत नहीं उठाई। मरीजों ने स्थानीय विधायक सुभाष ठाकुर से आग्रह किया है कि इस मामले को गंभीरता से देखा जाए। काम को शीघ्र करवाया जाए ताकि मरीजों को पंचकर्मा का लाभ मिल सके।