एमबीएम न्यूज़ / सोलन
सोलन में जल संरक्षण पर हॉफ मैराथन का आयोजन किया गया। इसमें हिमाचल प्रदेश व बाहरी राज्यों के मैराथन रनर रन टू कंजर्व द वाटर के लिए दौड़े। इसमें सबसे कम उम्र के रनर का खिताब साईश्वर को मिला। 26 अगस्त 2011 को पिता केशव दत्तात्रेय मंटुक और वैशाली के घर जन्में साईश्वर ने वर्ष 2018 में ही दौडऩा आरंभ किया।
साईश्वर ने बताया कि महाराष्ट्र के कोहलापुर में 18 फरवरी 2018 को महा मैराथन का आयोजन किया गया। इसमें पहली बार 3 किलोमीटर की दौड़ लगाई। इसके बाद सोचा अब सीधे 10 किलोमीटर दौड़ूगां।
22 अप्रैल को पूणे में आयोजित मैराथन में 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी की। इसके बाद यह सुर्खियों में आ गया। 7 मई 2018 को हैदराबाद में पहली बार 21 किलोमीटर की दौड़ पूरी की। 17 जून को सोलन में हॉफ मैराथन को आसानी से पूरा किया।
हालांकि इतने छोटे बच्चे को हॉफ मैराथन में लेना किसी जोखिम से कम नहीं होता। लेकिन अपनी स्पेशल परमिशन के आधार पर वह लंबी दूरी की दौड़ लगाता है। साईश्वर ने बताया कि जनवरी 2019 में महाराष्ट्र में होने वाली 78 किलोमीटर की दौड़ में भाग लेना उसका अगला लक्ष्य है। साईश्वर के पिता केशव दत्तात्रेय मंटुक ने बताया कि शोलापुर में साईश्वर को मिनी मिल्खा सिंह के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने बताया कि दौड़ में उसकी प्रतिभा को देखते हुए उसे आगे लाया जा रहा है ताकि वह एक दिन देश का नाम विदेशी धरती पर रोशन करें। उन्होंने बताया कि इसी साल से साईश्वर ने दौडऩा शुरू किया। वह हिन्दूस्तान पेट्रोलियम में सेल्स मैनेजर की जॉब करते हैं। उन्होंने बताया कि साईश्वर सुबह 3 घंटे लगातार रन करता है। वह पांच बजे दौड़ के लिए निकल पड़ता है।
प्रतिदिन करीब 30 किलोमीटर दौड़ता है। हॉफ मैराथन के बाद 30 एमएल पानी, एक गिलास दूध, केला और ककड़ी खाता है। कोई स्पेशल डाइट नहीं है। हम यहां बिना रिजर्वेशन के आए हैं। रेलगाड़ी में सीट भी नहीं मिली। देर रात पहुंचे और थोड़ी देर रेस्ट किया। 4 बजे फिर उठना पड़ा, इसके बावजूद उसने अपना बेस्ट दिया।
केशव ने बताया कि वह 21 किलोमीटर की दौड़ 2 घंटे 3 मिनट में पूरी कर चुका है। साथ ही चैस में भी नेशनल में सैकंड पॉजिशन ले चुका है। उन्होंने बताया कि साईश्वर शोलापुर में वसुंधरा महाविद्यालय में दूसरी क्लास का छात्र है। इस पर ईश्वर की कृपा इसी तरह बनी रहे ताकि वह देश का नाम रोशन करें।