मंडी / वी कुमार
प्रदेश में भेड़ बकरियों की चोरी के लगातार बढ़ रहे मामलों से इस पारंपरिक व्यवसाय के खत्म हो जाने की आशंका बनने लगी है। पिछले कुछ सालों से करोड़ों रुपए की कीमत की भेड़ बकरियां घुमंतू पशुपालकों की चोरी हो चुकी हैं। इससे भेड़ बकरी पालकों में इतनी दशहत फैल गई है कि ये कोई बड़ा कदम उठाने की सोचने लगे हैं। इसका एक बुरा असर यह भी सामने आया है कि अब पहले की तरह भेड़ पालकों की रेबड़ों के साथ पुरूष ही आ रहे हैं या फिर वेतन देकर कर्मचारी रखने पड़ रहे हैं। क्योंकि महिलाएं अब पहले की तरह भेड़ बकरियों के साथ नहीं आ रही हैं।
बड़ा कारण यह है कि न केवल चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं बल्कि चोरों के गिरोह अपने साथ हथियार आदि लेकर आते हैं और जोर जबरदस्ती भी करने लगे हैं जिससे महिलाओं में असुरक्षा पैदा हुई है। भेड़ बकरी पालकों की नजर में तो अब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का जो नारा सरकार का है वह भी बेमानी सा हो गया है। चोरी की बढ़ती वारदातों से दुखी होकर हिमाचल घुमंतू पशुपालक महासभा व हिमाचल गद्दी यूनियन का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को डीसी व एसपी से मिला।
इस प्रतिनिधिमंडल ने लिखित में सौंपे ज्ञापन में कहा कि अधिकांश चोरियां जो प्रदेश भर में भेड़ बकरियों की हुई हैं उनमें चोर बल्ह क्षेत्र के गांव कुम्मी के ही पाए गए हैं। ऐसे में इन लोगों के खिलाफ कोई ऐसा कदम उठाया जाए ताकि भेड़ बकरी पालकों पर जो संकट मंडरा रहा है वह कम हो सके और यह व्यवसाय बच सके। ज्ञापन में एफआईआर की प्रतिलिपि के साथ हवाला दिया गया है कि 27 मार्च की रात को पवन कुमार पुत्र चूहड़ सिंह गांव व डाकघर बंदला तहसील पालमपुर जिला कांगड़ा की 41 बकरियां व 1 भेड़ गांव कुटाहण थाना खुंडियां से चारी हो गई।
28 मार्च की सुबह इसकी खुंडियां थाने में रपट दर्ज करवाई गई। छानबीन में चोरी की चार बकरियां बल्ह के कुम्मी गांव से बरामद हुई जिसमें से दो काट दी गई थी। यह मीट की एक दुकान से बरामद हुई हैं। इससे पहले जिले के मझवाड़ से बकरियां चोरी हुई वह भी कुम्मी के ही चोर थे। अब तक अधिकांश चोरियों में कुम्मी के ही चोर शामिल रहे हैं और जब भी पुलिस के साथ गांव में जाते हैं तो पुलिस की ढीले ढाले रवैये के चलते गांव वाले इक्ट्ठा होकर उन्हें खदेड़ देते हैं व चोर भाग जाते हैं।
घुमंतू पशुपालक सभा की सचिव पवना कुमारी व गद्दी यूनियन के प्रतिनिधि जय सिंह ने बताया कि डीसी ने इस मामले को पुलिस अधीक्षक को भेजने की बात कही तो पुलिस अधीक्षक ने जिले से बाहर की चोरी के मामलों में सीधे हस्तक्षेप न करने की लाचारी दिखाई। इस ज्ञापन जिसकी प्रतियां प्रधान गृह सचिव प्रदेश सरकार, आयुक्त जनजाति विकास विभाग व महानिदेशक पुलिस को भी भेजी गई हैं में साफ तौर पर कहा गया है कि यदि चोरी की इन वारदातों को नहीं रोका गया तो कोई भी भेड़ बकरी पालक भविष्य में जोखिम उठाकर प्रदेश की चरागाहों की ओर रुख नहीं करेगा तथा यह पारंपरिक व्यवसाय खत्म हो जाएगा।
यह भी चेतावनी इन यूनियनों ने दी है कि यदि पुलिस प्रशासन ने चोरों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न की तो प्रदेश के भेड़ बकरी पालक अपनी हजारों भेड़ बकरियों को साथ लाकर जिलामें प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए पुलिस प्रशासन को 15 दिनों का समय दिया गया है। इन घुमंतू पशुपालकों को प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जो स्वयं एक किसान व पशुपालक हैं से उम्मीद है कि वह इस अति गंभीर होती जा रही समस्या के निदान के लिए कोई बड़ा कदम उठाएंगे।