कांगड़ा (रीना शर्मा) : रक्कड़ तहसील के निकटवर्ती क्षेत्र कलोहा व साथ लगते अन्य इलाकों में पिछले कई महीनों से बीएसएनएल का सिग्नल न होने के कारण हजारों उपभोक्ताओं के मोबाइल फोन मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं। ऐसी स्थिति में लोग बीएसएनएल की कार्यप्रणाली को कोसते नजर आ रहे हैं।
स्थानीय लोगों में मोनू, संजीव, रिंकू, सोमू, सुभाष, राकेश, कुलवन्त , सोनू, रिंटू, विक्की, केरु, प्यार चंद , विजय , सागर व अन्य का कहना है कि बीएसएनएल के सिग्नल की बात करें तो कलोहा में पिछले कई महीनों से सिग्नल नहीं आ रहा है, जिससे हर कोई उपभोक्ता अब दुखी हो चुका है।
इन उपभोक्ताओं का आरोप है कि जब भी किसी ग्रामीण को इस सिम पर फोन करना होता है तो सिग्नल ढूंढने के लिए मकान की छतों या इधर-उधर भागना पड़ता है, परंतु फिर भी बात करते-करते ही फोन बीच में ही कट जाता है, जिससे कॉल के पैसे बेवजह चुकाने पड़ रहे हैं। इनका कहना है कि कई जगहों पर तो हालात ऐसे हैं कि घर के अंदर रखे मोबाइल तो शोपीस बन जाते हैं। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि बीएसएनएल का सिग्नल यहां बड़ी मुशिकल से ढूंढना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि रिलायंस की सुविधाएं जब से बंद हुयीं हैं तब रिलायन्स उपभोक्ताओं ने अपने नंबर बीएसएनएल में पोर्ट करवाये थे। लेकिन बीएसएनएल की सुविधाएं लोगों तक पुख्ता तौर से नहीं पहुंच पाई हैं। फलस्वरूप बीएसएनएल उपभोक्ता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। पर्याप्त सिग्नल न मिलने पर लोग परेशान नजर आ रहे हैं।
लोगों ने सम्बंधित विभाग से मांग की है कि सिग्नल की समस्या का उचित हल निकाला जाये, ताकि उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।