धर्मशाला, 26 सितंबर : सामाजिक न्याय एवम अधिकारिता मंत्री कहा कि पशु चिकित्सा सुविधा अधिक सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सालयों और पशु औषधालयों के भवनों के निर्माण पर करोड़ों की राशि खर्च की जा रही है। इसके अतिरिक्त औषधालयों को चिकित्सालयों में स्तरोन्नत करने के साथ-साथ नए पशु औषधालय भी खोले गए हैं।
ये जानकारी शाहपुर विधानसभा के अंतर्गत गांव कुठारना में पशु औषधलय, दुर्गेला 6 लाख से बने आंगनबाड़ी केन्द्र व मंगलम पैलेस के समीप 70 लाख से निर्मित पुल का उदघाटन करने के उपरांत बोल रही थी। सरवीण ने कहा कि शाहपुर उपमंडल के क्षेत्र में 56 पशु चिकित्सा संस्थान कार्यशील हैं। इसमें 8 पशु अस्पताल 22 पशु औषधालय और 26 पंचायत पशु औषधालय शामिल हैं। उन्होंने कहा शाहपुर के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेतीबाड़ी और पशुपालन है। पशुओं को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पंचायत स्तर तक उपलब्ध करवाने का प्रयास किया गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा प्रदेश में लंपी रोग के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। जल्दी पशुपालन विभाग की सक्रियता से इस बीमारी पर नियंत्रण कर लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि लंपी वायरस को लेकर सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सभी जिलों में रोगी पशुओं के उपचार के लिए दवाएं उपलब्ध है पशुपालन विभाग इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और समीक्षा बैठक की जा रही हैं। वैज्ञानिकों ने लंपी रोग की लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है। जल्द ही यह बाजार में भी उपलब्ध हो जाएगी। जिलों से इस रोग के बारे में प्रतिदिन सूचना एकत्रित करके केंद्र सरकार को भेजी जा रही है। प्रदेश में अब तक 2 लाख 27 हजार 748 पशुओं का टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशुओं में फैल रहे लंपी के बारे में पशुपालकों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया है। उन्हें नियमित रूप से जागरूकता के माध्यम से सूचना उपलब्ध करवाई जा रही है। 650 शिविरों का अभी तक आयोजन कर 27500 किसानों को इस बीमारी के बारे जानकारी प्रदान की गई है।
पशुपालन विभाग द्वारा स्थिति पर पूर्ण रूप से नज़र रखी जा रही है। प्रत्येक ज़िला के सहायक निदेशक , परियोजना को ज़िला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। निदेशालय स्तर पर भी टास्क फोर्स और वार रूम स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नम्बर 0177 -2650938 है । सरवीण चौधरी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने राज्य में बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने व उनकी देखभाल के लिए हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग की स्थापना की है। प्रदेश में 198 गौ सदन संचालित किए जा रहे हैं। गौ अभयारण्यों व गौ सदनों की स्थापना तथा सुदृढ़ीकरण के लिए लगभग 3.08 करोड़ आबंटित किये गए हैं। कृषिक बकरी पालन योजना के तहत लाभार्थियों को 60 प्रतिशत उपदान पर 13502 बकरियां वितरित की गई।
इस अवसर पर एस डीओ लोकनिवि विवेक कालिया, जेई अग्नेश , सीडीपीओ रैत संतोष ठाकुर, उपाध्यक्ष मोनी बाला , पूर्व चेयरमैन अश्विनी चौधरी, प्रधान दुर्गेला भारती ,पूर्व प्रधान कुशल चौधरी, सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।