मंडी, 09 अगस्त : हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में कार्य करने वाली मिड डे मील वर्करों को प्रदेश सरकार संशोधित वेतन मान दे। इसके साथ ही हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार वर्करों को पूरे वर्ष का वेतन दिया जाए ताकि वर्करों का घर भी चल सके। यह मांग मिड डे मील वर्कर युनियन संबंधित सीटू मंडी ने उठाई है। मंगलवार को मंडी के तारा चंद भवन में मिड डे मील वर्करों का चौथा सम्मेलन किया गया। जिसमें वर्करों की समस्याओं व उनके समाधान पर चर्चा की गई। इस सम्मेलन की अध्यक्षता सीटू के जिला महासचिव राजेश शर्मा ने की।
सीटू के जिला सचिव व मिड डे मील वर्कर यूनियन मंडी के प्रभारी गुरदास वर्मा ने बताया कि प्रदेश की सरकार मिड डे मील वर्करों का शोषण कर रही है। एक तो उन्हें छुट्टीयां नहीं हैं दुसरा इनका वेतन बहुत कम है और अब सरकार ने इन्हें अन्य कार्यों को करने का फरमान भी दे दिया है जो कि सही नहीं है। गुरदास वर्मा ने बताया कि आज महंगाई के दौर में मिड डे मील वर्करों को घर चलाना मुश्किल हो गया है और प्रदेश की भाजपा सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। सम्मेलन में वर्करों ने मांग उठाई है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान सरकार द्वारा किया जाए।
वहीं, सम्मेलन में 35 सदस्यीय कमेटी और 13 सदस्यीय सचिव मंडल का भी चुनाव किया गया। जिसमें पधर खण्ड के सतीश कुमार को अध्यक्ष, सुंदरनगर खण्ड की संतोष कुमारी को महासचिव और निहरी के गुरदास वर्मा को कोषाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा गोपालपुर की विमला देवी, धर्मपुर के चिंतराम, सराज 2 के इन्द्र सिंह और बक्शी राम, साईगलु की बबली, जैदेवी की मैना देवी को उपाध्यक्ष तथा सदर 2 के दूनी चन्द, सुंदरनगर की गायत्री देवी, चच्योट 2 के नन्दलाल सिंह, गोपालपुर की निशा देवी, वंदना देवी और बल्ह की हल्या देवी को सचिव चुना गया। इसके अलावा रीता, कृष्णा, बबली, तिलक राज, भीष्म, डोलमा, प्रोमिला, पुष्पलता, चिंता देवी, ब्यासा, मीरा, लता, चुनी लाल, खेम सिंह, देवेंद्र, बबली, लक्ष्मी, शीला और कुंता देवी को कमेटी सदस्य चुना गया।