मंडी, 7 जून : प्रदेश में जुलाई से अगस्त माह तक बरसात के मौसम रहता है। बरसात के मौसम में वेक्टर व जल जनित रोगों से निपटने के लिए मंडी जिला प्रशासन ने कदम ताल शुरू कर दी है। मंगलवार को सीएमओ कार्यालय सभागार मंडी इन रोगों से बचाव के तरीकों पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने विभागीय प्रमुखों को इन रोगों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक में जल शक्ति विभाग, नगर निगम मंडी, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के प्रमुखों ने भाग लिया।
बैठक के उपरांत सीएमओ मंडी डॉ देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में मनुष्य को कई लग जाते हैं, जिनसे कई बार बीमार व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। उन्होने बताया कि वेक्टर जनित रोगों में डेंगू, मलेरिया इत्यादि शामिल है जो मच्छर के काटने से होते है। जागरूकता के चलते मलेरिया का प्रकोप जिला में अब कम हो गया है। वेक्टर जनित रोगों में चिकनगुनिया भी शामिल है, परंतु हिमाचल में इसके बहुत कम मामले सामने आते हैं।
वहीं बरसात में घास की कटाई के समय स्क्रब टाइफस होने से मनुष्य की जान तक जा सकती है। जल जनित रोगों में डायरिया की बीमारी प्रमुख है, जिसमें भी रोगी की जान को खतरा बना रहता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे बरसात के मौसम में सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें और पूरे शरीर को ढकने वाले वस्त्र पहने । घर के सभी कमरों को साफ सुथरा रखें, टूटे-फूटे बर्तनों, टायरों आदि में पानी जमा न होने दें, कूलरों, ए.सी. फ्रिज, पानी टकीं को साफ करते रहें । नालियों आदि में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
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