चैलचौक, 26 मार्च : अभिलाषी यूनिवर्सिटी चैलचौक के स्कूल ऑफ फार्मेसी में एक दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस रीसेंट ट्रेंड्स इन फार्मास्यूटिकल साइंसेज, हेल्थकेयर एंड एग्रीकल्चर सिस्टम का आयोजन किया गया। यूनिवर्सिटी के सभागार में कांफ्रेंस का शुभारंभ यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डॉ. एलके अभिलाषी ने किया। डॉ. अभिलाषी ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए बताया कि फार्मेसी व अन्य विभाग मिलकर किस तरह से रिसर्च कर सकते हैं। कांफ्रेस की मुख्य वक्ता फार्मेसी प्रैक्टिस नाईपर मोहाली की हैड डॉ. प्रोमिल तिवारी ने बताया कि कैसे कॉस्ट एनालिसिस से हेल्थ केयर और समाज पर प्रभाव पड़ता है, और इस विषय के क्या फायदे हैं।
वहीं, दूसरे मुख्य वक्ता पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलेजंस के उदय से ड्रग डिस्कवरी और ड्रग डेवलपमेंट को सुरक्षित तरीके से कर सकते हैं, और फार्मेसी एजुकेशन में किस प्रकार नई तकनीक सहायक है। यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. एचएस बनयाल ने रिसर्च के नए प्रारूप अपनाने की सलाह दी और सभी वक्ताओं का अनुसरण करने के लिए कहा। इससे पहले डीन अकादमिक डॉ. सचिन गोयल और डीन फार्मेसी डॉ. अमित चौधरी ने भी रिसर्च को लेकर श्रोताओं को संबोधित किया।
कांफ्रेस में सोविनियर एंड एब्स्ट्रेक्ट बुक का भी अनावरण किया गया। कांफ्रेस के सफल आयोजन के लिए यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. आरके अभिलाषी ने सभी को बधाई दी। कांफ्रेस में कुमाउं यूनिवर्सिटी, शिवा कॉलेज ऑफ फार्मेसी, श्री साई यूनिवर्सिटी कांगड़ा, अभिलाषी कॉलेज ऑफ फार्मेसी नेरचौक, श्री साई कॉलेज ऑफ फार्मेसी पंजाब, कॉलेज और फार्मेसी बेला रोपड़, हिमालयन इंस्टीच्यूट ऑफ फार्मेसी काला अंब, हिमाचल कालेज ऑफ फार्मेसी, शांति निकेतन कॉलेज ऑफ फार्मेसी और ड्रीम्ज कॉलेज ऑफ फार्मेसी के छात्र और स्टाफ के सदस्य शामिल रहे।