चंबा, 17 दिसंबर : कांगड़ा -चंबा के लोक-सभा सदस्य किशन कपूर ने केंद्र से जनजातीय उप योजना मानकों में संशोधन करने का अनुरोध किया है, ताकि जनजातीय क्षेत्रों के लिये निर्धारित बज़ट का लाभ इस समुदाय के लोगों को ही प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल में जनजातीय उपयोजना की राशि का आवंटन विगत कई वर्षों से प्रतिशतता के आधार पर किया जाता है, जिसमें अब संशोधन की आवश्यकता है।
गत दिवस केंद्रीय जनजातीय मंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न जनजातीय सांसदों की परामर्श समिति में भाग लेते हुए सांसद किशन कपूर ने कहा कि चम्बा-कांगड़ा सहित हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की समस्याएं देश के अन्य राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के लोगों से भिन्न है। हिमाचल के जनजातीय लोग कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आधारभूत सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को जीवन उपयोगी सुविधाएं प्रदान करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन गुणात्मक शिक्षा के प्रसार में कमी रही है।
उन्होंने कहा कि इन जनजातीय क्षेत्रों के लिए ऐसे कार्यक्रमों पर बल दिया जाना चाहिए, जिनसे रोज़गार के अवसर स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि इससे जनजातीय क्षेत्रों से युवाओं के पलायन की समस्या का भी समाधान हो सकता है। उन्होंने जनजातीय उम्मेदवारों के लिए आरक्षित सरकारी नौकरियों के पूर्व रिक्त पदों को भी शीघ्र भरने का अनुरोध किया है। सांसद किशनकपूर ने चम्बा क्षेत्र में उच्चतर शिक्षा की ओर अधिक अवसर प्रदान करने व चम्बा की विशिष्ट संस्कृति के प्रति शोधकर्ताओं की रुचि बढ़ाने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, जिला अनुपपुर (मध्यप्रदेश) का क्षेत्रीय परिसर चंबा में भी खोलने का केंद्रीय जनजातीय मंत्री से अनुरोध किया।