बद्दी (एमबीएम न्यूज) : केंद्र सरकार द्वारा सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों व व्यापारियों को राहत देते हुए लिए गए फैसलों का लघु उद्योग भारती हिमाचल व बददी इकाई ने स्वागत किया है। औद्योगिक संघ का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी व वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा जीएसटी में किए गए इस परिवर्तन से छोटे उद्यमियों पर कागजी बोझ कम होगा व उनका अनावश्यक खर्च भी बचेगा।
लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष डा. विक्रम बिंदल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नेत्र प्रकाश कौशिक, महामंत्री राजीव कंसल, कैशियर विकास सेठ, उपाध्यक्ष प्रकाश चंद वर्मा, सुरेंद्र जैन, धर्मपाल गोयल, कविंद्र सिंगला, फार्मा विंग के चेयरमैन सतीश सिंगला, डा. राजेश गुप्ता, बददी इकाई के अध्यक्ष संजय बतरा, आलोक सिंह, संजय आहुजा, अनिल मलिक, चेतन नागर, नालागढ इकाई के अध्यक्ष हरबंस पटियाल, राजीव मनोचा, कमल सैणी, बरोटीवाला के अध्यक्ष संजीव शर्मा, अजय चौहान, विभोर, परवाणु इकाई के अध्यक्ष प्रमोद शर्मा, पवन कुमार, ओंकार जसवाल, कालाअंब के अध्यक्ष अश्विनी गर्ग व मैहतपुर के संयोजक अनिल स्पाटिया आदि ने कहा कि यह मांगे हम लंबे समय से उठा रहे थे।
प्रदेश महामंत्री राजीव कंसल ने कहा कि जीएसटी टैक्स दरों में कमी करने व रिर्टन मासिक की बजाय त्रैमासिक करने का मुददा हमने हर प्लेट फार्म पर उठाया था। संगठन ने इस मुददे को शिमला के जीएसटी सैमीनार में उठाया था। वहीं लघु उद्योग भारती के दिल्ली राष्ट्रीय अधिवेशन में मु य अतिथि के तौर पर पधारे सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री गिरीराज किशोर के समक्ष भी हमने मुददे उठाए थे। कंसल ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय इकाई ने इस मुददे में राहत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
प्रदेश महासचिव ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई उत्पादों पर टैक्स सलैब में कमी की है जो कि स्वागत योग्य है। उन्होने कहा कि आम पापड, रोटी, प्लास्टिक वेस्ट, मैन मेड यार्न, स्टेशनरी, डीजल इंजन पार्टस, पंप पार्टस, र्ई-वेस्ट, अनब्रांड आयुर्वेद दवाएं, जॉब वर्क, रबड वेस्ट स्क्रैप, पेपर वेस्ट एवं रददी, डयूटी क्रेडिट स्क्रीप्टस, धागा, नाईलान, पोलीस्टर, सिंथैटिक सूत, मार्बल और ग्रेनाईट पर दरें कम करने का फैसला सराहनीय है और लघु उद्योगों के लिए संजीवनी साबित होगा।
बददी इकाई के अध्यक्ष संजय बतरा व टैक्स सलाहकार एडवोकेट अनिल शारदा ने कहा कि रिर्टन तिमाही होने, सर्विस प्रोवाईडर को 20 लाख तक टर्नओवर पर छूट, निर्यातकों को जुलाई का रिफंड 10 अक्तूबर व अगस्त का रिफंड 18 अतूबर को मिलने का जो की स्वागत योग्य कदम है। लघु उद्यमियों ने कहा कि हमने भारत सरकार को जीएसटी बारे जो सुझाव भेजे थे उसमें एक एक करके राहत मिलती जा रही है। भारत सरकार को पता है कि देश में सबसे ज्यादा रोजगार लघु उद्योग ही देते है इसलिए इनको चलने में कोई कठिनाई नहीं आनी चाहिए।