केलांग, 21 अगस्त : तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने उदयपुर पहुंचने पर विश्राम गृह में लोगों की समस्याओं को सुना। तत्पश्चात उन्होंने त्रिलोकीनाथ में जाकर ऐतिहासिक पौरी मेला के शुभारंभ पर होने वाली पारम्परिक रस्मों के निर्वहन में भी शिरक़त की।
उन्होंने जानकारी दी कि मेले हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं। पौरी मेला यहां का बहुत ही पुरातन एवं ऐतिहासिक मेला है। कोविड महामारी के कारण इस तरह के त्योहार एवं मेलों में मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए केवल पुरातन परंपराओं का निर्वहन किया जा रहा है। उसी प्रकार से इस बार भी पौरी मेले का शुभारम्भ हुआ है। इसमें कल यहां से मणिमहेश के लिए पवित्र छड़ी यात्रा का जत्था रवाना होगा जोकि कुगती जोत होते हुए यात्रा करेगा।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों अतिवर्षा व बादल फटने की घटनाओं से इस क्षेत्र में कई सड़कों को नुकसान तथा यातायात अवरुद्ध हो गया था तथा काफ़ी लोग यहां फंस गए थे। व्यवस्था को पुनः सुचारू रूप से पटरी पर लाने के लिए वे स्वयं मौके पर डटे रहे थे तथा सभी सड़कों को बहाल कर दिया गया है।
उन्होंने जानकारी दी कि जुलाई माह में उदयपुर क्षेत्र में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 10 करोड़ की राहत राशि की घोषणा की गई है। इसके लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस राहत पैकेज से सड़क, सिंचाई, पेयजल और बिजली व्यवस्था की बहाली में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार ने किसानों के लिए परिवहन उपदान देने की भी घोषणा की है, ताकि भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत मिल सके।