शिमला, 10 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में स्वर्ण आयोग गठित करने का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा में उठा। प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्वाइंट आफ आर्डर के तहत ये मामला उठाते हुए प्रदेश सरकार से स्वर्ण आयोग को गठित करने की मांग की। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वो किसी वर्ग के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं, न ही किसी की तुष्टिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि पार्टी लाइन से हटकर इस मसले को उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में सामान्य श्रेणी को लेकर एक मुहिम चल रही है। उनका व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि राज्य की बड़ी आवादी के लोगों को अपनी आवाज रखने के लिए एक आयोग होना चाहिए और इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जाए। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि स्वर्ण आयोग को लेकर किसी के अधिकार को खत्म करने की बात नहीं की जा रही है। प्रदेश सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए स्वर्ण आयोग का गठन करना चाहिए।
इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह मुद्दा प्रदेश सरकार के विचाराधीन है। मध्य प्रदेश में स्वर्ण आयोग का गठन हो चुका है और हमारी सरकार वहां की नीति का अध्ययन कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्वर्ण आयोग की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन पर एतराज जताया और कहा कि प्रदर्शनकारियों के रवैये से वो आहत हैं। कुछ लोग इस मुद्दे पर ऐसा बर्ताब कर रहें जैसे उन्होंने स्वर्ण समाज का ठेका ले लिया हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर नारे लगाना और आंदेालन करना उचित नहीं है। आयोग की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने ऐसे लोगों से भड़काऊ भाषण न देने एवं अपनी बात शांतिपूर्वक व सौहार्दपूर्ण तरीके से रखने का आहवान किया।