ऊना, 21 जुलाई : अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनीषा गोयल की अदालत में सरकारी सीमेंट के दुरुपयोग मामले में तीन लोगों को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत 2 से 3 वर्ष कारावास और 10 हज़ार से 20 हजार तक जुर्माना अदा करने के आदेश जारी किए। जुर्माना अदा करने की सूरत में तीनों दोषियों को 3 से 6 माह तक अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी भीष्म चंद ने बताया कि 13 नवंबर 2008 को रात करीब 12:15 बजे पुलिस की टीम द्वारा ऊना-हमीरपुर हाईवे स्थित हटली-बैरी लिंक रोड पर नाकाबंदी की हुई थी। इसी दौरान एक मालवाहक वाहन पुलिस को देख दूसरी दिशा में मोड़ने का प्रयास किया। जिसके चलते पुलिस टीम को संदेह हुआ और उन्होंने वाहन का पीछा किया और बैरी में उसे बरामद किया।
पुलिस ने सीमेंट की करीब 39 बोरियां बरामद की। जिन पर नॉट फॉर सेल और ओन्ली हिमाचल गवर्नमेंट लिखा हुआ पाया गया। जबकि वाहन चालक द्वारा आठ अन्य बोरियों को अनलोड किया जा चुका था। पुलिस द्वारा पूछे जाने पर गाड़ी के चालक ने अपना नाम अनिल कुमार निवासी डोहगी बताया। जबकि गाड़ी में से सीमेंट उतारने में उसकी मदद करने वाले व्यक्ति की पहचान अशोक कुमार निवासी बैरी के रूप में की गई।
वहीं चालक ने बताया कि इससे पूर्व इसी वाहन में उन्होंने पडयोला निवासी केहर सिंह को भी 45 बोरी सरकारी सीमेंट की सप्लाई दी थी। घटना के संबंध में पुलिस ने आईपीसी की धारा 379, 411 और 34 तहत केस दर्ज करते हैं, मामले की जांच शुरू कर दी। जिलाधिकारी ने बताया कि अदालत ने मामले को लेकर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केहर सिंह अशोक कुमार और अनिल कुमार को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई।
केहर सिंह को आईपीसी की धारा 409 के तहत 3 वर्ष कारावास और 20 हज़ार जुर्माना अदा करने के आदेश दिए, अदा न करने पर दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अशोक कुमार को धारा 411 के तहत 2 साल कारावास और 10000 जुर्माना भुगतना होगा, जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 3 महीने के लिए अतिरिक्त कारावास में भेजा जाएगा।
वहीं तीसरे दोषी और गाड़ी चालक अनिल कुमार को धारा 411 और 414 में 2-2 वर्ष कारावास, 10-10 हजार रुपए जुर्माना अदा करना होगा। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।