सोलन, 11 जून : उपायुक्त केसी चमन ने जिला के सभी उपमंडल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मानसून सीजन के दृष्टिगत सभी विभागों के मध्य उचित समन्वय स्थापित करें ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में टीम भावना के साथ कार्य करते हुए नुकसान को कम किया जा सके। उपायुक्त शुक्रवार को यहां दक्षिण-पश्चिम मानसून की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। केसी चमन ने कहा कि सभी संबंधित विभाग आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत सभी तैयारियों को पूर्ण रखें और यह सुनिश्चित बनाएं कि कोविड-19 प्रोटोकॉल की अनुपालन में कोई कोताही न हो। उन्होंने संभावित आपात स्थिति से पूरी सजगता के साथ निपटने के निर्देश भी दिए।
उपायुक्त ने सभी उपमंडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उपमंडल स्तर पर मानसून सीजन के दृष्टिगत आवश्यक कदम उठाए और यह सुनिश्चित बनाएं कि आवश्यकता के समय प्रभावित क्षेत्र में राहत पहुंचाने में विलंब न हो। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, नगर निगम सोलन, अन्य शहरी निकायों तथा पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में वर्षा काल की तैयारियों के लिए गतिविधियों को शीघ्र पूर्ण करें। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राकृतिक जल स्रोत तथा जल भंडारण टैंकों की समयबद्ध सफाई सुनिश्चित करें।
उन्होंने सभी जल स्त्रोतों की समुचित क्लोरिनेशन करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने माह में कम से कम 2 बार पेयजल नमूनों की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने पेयजल के योग्य न रहे जल स्त्रोतों के समीप ‘न पीने योग्य पानी’ का बोर्ड स्थापित करने के आदेश भी दिए। नगर निगम तथा अन्य शहरी निकाय व पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वर्षा जल के समुचित निकासी के लिए नालियों तथा बड़े नालों में अवरोधों को हटाया जाए क्योंकि अवरोध के कारण एकत्र हुआ जल आपदा का बड़ा कारण बन सकता है। केसी चमन ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा पंचायती राज विभाग के अधिकारी मौसम विभाग तथा केंद्रीय जल आयोग द्वारा समय-समय पर जारी चेतावनियों एवं परामर्श का उचित प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। यह सुनिश्चित बनाया जाए कि इस संबंध में जारी चेतावनी लोगों तक शीघ्र पहुंचे।
इसके लिए आकाशवाणी, दूरदर्शन तथा सोशल मीडिया का उचित उपयोग किया जाए। उपायुक्त ने राजस्व, लोक निर्माण, जल शक्ति विभाग तथा हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटिड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर स्थानीय लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे मार्ग, जलापूर्ति योजनाएं विद्युत लाइन एवं क्षेत्र जो कि भूस्खलन अथवा बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं को चिन्हित किया जाए।
उपायुक्त ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जनित रोगों के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयों का भंडार समुचित मात्रा में रखें। उन्होंने समुचित मात्रा में क्लोरीन पाउडर तथा गोलियों का भंडारण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी उपमंडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्क्रब टाइफस एवं डेंगू जैसी बीमारियों से निपटने के लिए भी पूरी तैयार रखें और इस संबंध में लोगों को जागरूक बनाएं। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग आवश्यक खाद्य वस्तुओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करे।उन्होंने नगर निगम सोलन, नगर परिषद नालागढ़, नगर परिषद बद्दी, नगर परिषद परवाणू, नगर पंचायत अर्की तथा नगर पंचायत कंडाघाट के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे पेड़ों को चिन्हित करें जिनके गिरने की संभावना है ताकि समय रहते इस दिशा में उचित कार्रवाई की जा सके।
केसी चमन ने जिला के सभी उपमंडलों में उचित स्थानों पर आपदा के समय प्रभावित वियक्तियों के आश्रय के लिए स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष रमेश ठाकुर, उपमंडलाधिकारी सोलन अजय यादव, उपमंडलाधिकारी नालागढ़ महेन्द्र पाल गुर्जर, वन मंडल अधिकारी नालागढ़ यशुदीप सिंह, समादेशक गृह रक्षा डाॅ. शिव कुमार शर्मा, उपमंडलाधिकारी अर्की विकास शुक्ला, उपमंडलाधिकारी कसौली डाॅ. संजीव धीमान, उपमंडलाधिकारी कंडाघाट डाॅ. विकास सूद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजन उप्पल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी नरेंद्र कुमार, उप पुलिस अधीक्षक सोलन योगेश दत्त जोशी, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक नरेंद्र धीमान, जिला पंचायत अधिकारी मोती लाल सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।