केलांग, 29 सितंबर : जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के उपमंडलीय पशु अस्पताल, उदयपुर में विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर शनिवार को एक विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता डॉ. अमिताभ ठाकुर उपनिदेशक, पशुपालन विभाग लाहौल स्पीति ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रेबीज जैसी गंभीर बीमारी के प्रति पशुपालकों और आम जनता को जागरूक करना है।
डॉ. अमिताभ ने कहा कि रेबीज जैसी घातक बीमारी से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं का समय पर टीकाकरण कराएं और इस बीमारी के प्रति सतर्क रहें। इस दौरान उन्होंने पशुपालकों से संवाद भी किया और उनकी शंकाओं का भी निवारण किया।
शिविर में डॉ. आयुष ने रेबीज पर एक जानकारीपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने इस घातक बीमारी के लक्षण, रोकथाम और टीकाकरण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रेबीज एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों के काटने से फैलती है। उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पालतू पशुओं का नियमित रूप से टीकाकरण कराएं, ताकि इस जानलेवा रोग से बचाव हो सके। डॉ. अनुराग ने भी रेबीज के विभिन्न सामान्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि रेबीज केवल पालतू जानवरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक हो सकती है। उन्होंने इस बीमारी के फैलने के संभावित कारणों और इससे बचाव के उपायों पर चर्चा की। इसके अलावा, उन्होंने टीकाकरण के महत्व और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत पर जोर दिया।
कार्यक्रम में डॉ. मनीषा वर्मा और डॉ. साक्षी भी उपस्थित रहीं, जिन्होंने पशुपालकों के सवालों का उत्तर दिया और उन्हें रेबीज तथा अन्य पशु रोगों से बचाव के लिए जरूरी सुझाव दिए। शिविर के दौरान पशुपालकों के पालतू जानवरों का टीकाकरण किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के कई पशुपालक और स्थानीय लोग शामिल हुए।
जागरूकता शिविर में आए पशुपालकों और ग्रामीणों ने कहा कि यह शिविर अत्यंत उपयोगी साबित हुआ है क्योंकि इसके माध्यम से उन्हें रेबीज से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी और साधन प्राप्त हुए। ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में इस तरह के शिविरों के समय-समय पर आयोजन करने के लिए विभागीय टीम से भी आग्रह किया।