धर्मशाला, 29 फरवरी : जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा उपायुक्त कार्यालय परिसर के सभागार में तीन दिवसीय आपदा पूर्व मनोसामाजिक देखभाल के विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्यातिथि अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी हरीश गज्जू ने करते हुए कहा कि आपदाओं के पूर्व मनोसामाजिक देखभाल एक बहुत जरूरी और गंभीर विषय है, लेकिन अक्सर इस विषय पर ध्यान नहीं दिया जाता।
आपदाओं की जद में आने वाले लोगों को मानसिक रूप से स्थिर होने में काफी समय लगता है। जो लोग अपने पारिवारिक सदस्यों या घरों को आपदाओं में खो देते हैं। उन्हें मानसिक रूप से अपनी जिंदगी फिर से शुरू करने में काफी कठिनाई होती है। ऐसे में समाज के लिए बहुत जरूरी हो जाता है कि हम इन लोगों की मनोसामाजिक देखभाल करें। उन्होंने कहा के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मनोसामाजिक देखभाल पर स्थानीय स्तर पर स्रोत व्यक्तियों को तैयार करना है, ताकि इस विषय को आम जनता तक पहुंचाया जा सके।
कार्यक्रम में जिला के विभिन्न महाविद्यालयों तथा स्कूलों से आए अध्यापकों तथा विभिन्न हिस्सों से आए आपदा मित्रों ने प्रतिभागियों के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य स्रोत पर्सन अनुराधा ने प्रतिभागियों को आपदाओं के पश्चात आपदा प्रभावितों पर पड़ने वाले मनोसामाजिक असर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में प्रतिभागीरों के साथ आपदाओं के पूर्व मानसिक अवसाद से निपटने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने आपदाओं के बारे में अपने अनुभवों को भी साझा किया। कार्यक्रम में जिला आपदा प्रबंधन की तरफ से जिला समन्वयक भानु शर्मा भी उपस्थित रहे।