सोलन, 20 फरवरी : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल ने सोमवार को बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में स्वास्थ्य तथा श्रम एवं रोज़गार विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है, और सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल दे रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक चिकित्सा खंड में अस्पताल स्थापित किए जाएंगे, जहां स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी विभागों में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन अस्पतालों की क्षमता 50 से 100 बिस्तरों की होगी।
प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालय के साथ-साथ धर्मशाला, किन्नौर, बिलासपुर, ऊना, सोलन, मनाली, मंडी और कुल्लू स्थित अस्पतालों में 50 बिस्तरों की क्षमता के क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतरीन आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। डाॅ. कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य में लोगों को अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिसमें विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य जांच तथा उपचार शामिल होंगे।
इसके दृष्टिगत हमीरपुर, टांडा, शिमला स्थित चिकित्सा महाविद्यालयों और अति-विशिष्ट चिकित्सा संस्थान चम्याणा में विशेषज्ञ रोबोटिक शल्य चिकित्सा सुविधाएं शुरू की जाएंगी। इसके तहत पहले चरण में चम्बा, नाहन और नेरचौक चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रत्येक में एक रोबोटिक शल्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक युक्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 5जी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत राज्य में चिकित्सकों को बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। प्रदेश सरकार द्वारा दूरदराज के क्षेत्रों के लिए भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रदेश में कैंसर पीड़ितों के लिए माॅडल कैंसर केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे जिनमें आईजीएमसी में माॅडल कैंसर केयर सेंटर भी शामिल है।
श्रम मंत्री ने कहा कि जिला में प्रवासी मजदूरों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा इनके रिहायशी क्षेत्रों में टीबी तथा अन्य रोगों के लिए स्वास्थ्य जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 100 दिन चलने वाले अभियान के तहत मधुमेह, रक्तचाप जैसे असंक्रमित रोगों की जांच के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में मातृ एवं शिशु देखभाल के लिए 11 मातृ एवं शिशु संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं जिनमें पांच संस्थान खोले जा चुके हैं, तथा छः संस्थानों का निर्माण कार्य जारी है। प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के परिणामस्वरूप नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों को भरा जाएगा, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक लाख युवाओं को रोज़गार उपलब्ध करवाने के लिए वच्चनबद्ध है और युवाओं को निजी उद्योगों में भी रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे पूर्व, स्वास्थ्य मंत्री का कोली समाज बद्दी द्वारा अभिनंदन किया गया। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. गोपाल बेरी तथा श्रम आयुक्त मुकेश रेपस्वाल ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से विभाग की विस्तृत जानकारी दी। मंत्री ने हिमाचल ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (एचडीएमए) के साथ विचार-विमर्श भी किया।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव (शहरी एवं नगर नियोजन, उद्योग तथा राजस्व) राम कुमार ने कहा कि बद्दी को फार्मा हब के नाम से विख्यात है। यहां पर विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनती है। उन्होंने कहा कि बद्दी स्थित उद्योगपतियों से विभिन्न रोगों की दवाइयां निःशुल्क प्राप्त करने का आग्रह किया जाएगा ताकि जरूरतमंद रोगियों को निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने उद्योगों में कामगारों की भर्ती रोज़गार विभाग के माध्यम से करवाने का आग्रह भी किया।
इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी (ना.) नालागढ़ दिव्यांशु सिंघल, एएसपी नरेन्द्र कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजन उप्पल, प्रदेश कांग्रेस उपकोषाध्यक्ष मदन लाल चैधरी, महासचिव प्रदेश कांग्रेस सुरेन्द्र सेठी, ज़िला मीडिया कांग्रेस प्रभारी मुकेश शर्मा, वार्ड सदस्य बद्दी नगर परिषद सुरजीत चैधरी, बीबीएन इंटक अध्यक्ष संजीव कुमार, नरेन्द्र कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व गणमान्य लोग उपस्थित थे।