शिवालिक पब्लिक स्कूल झनिक्कर ने वार्षिक समारोह में सम्मानित किए मेधावी छात्र

  विधायक सुरेश कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत
हमीरपुर, 23 जनवरी : टौणी देवी तहसील के अंतर्गत शिवालिक पब्लिक स्कूल झनिक्कर में रविवार को बोर्ड परीक्षाओं व विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने के लिए वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इसमें भोरंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश कुमार मुख्य अतिथि रहे। मेधावी विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि सुरेश कुमार ने कहा कि स्कूल के बच्चों का कार्यक्रम देखकर महसूस हुआ कि यहां के बच्चे और अध्यापक मेहनती हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चों और अध्यापकों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण दिवस होता है। स्कूली बच्चों को इंतजार रहता कि पूरे वर्ष की मेहनत का इनाम मिलेगा। 

सुरेश कुमार ने कहा कि जिन बच्चों को इनाम मिलेंगे उन्हें बधाई और जिन्हें नहीं मिले वे और मेहनत करें। स्कूली बच्चों ने एकांकी के माध्यम से अच्छा संदेश देने की कोशिश की, कि बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। संस्कारों को नहीं भूलना है। आधुनिकता के साथ समाज के पुराने संस्कारों को भूलते जा रहे हैं। इस बारे में हमें सचेत होना है। माता पिता और अभिभावकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि स्कूली बच्चों के हाथ में जो मोबाइल है, उसमें क्या देखना है। नशा दूसरी सबसे बड़ी समस्या है। नशों के नए- नए तरीके आ गए हैं। माता पिता को भी इसकी जानकारी नहीं होती। बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें। बच्चा छः घंटे स्कूल में तो 18 घंटे माता पिता के पास रहता है। माता पिता और शिक्षकों की साझी जिम्मेवारी है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत स्कूली छात्र छात्राओं ने विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन किया। पंजाबी गिद्दा, धार्मिक , देश भक्ति , पहाड़ी एकांकी , कराटे, योगा, मॉडर्न और पुराने संगीत पर नृत्यों ने दर्शकों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। मुख्य अतिथि विधायक सुरेश कुमार ने  बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। इससे पहले  स्कूल के प्रबंधक अनिल चौहान मुख्यातिथि सुरेश कुमार, रामचंद्र पठानिया, रामचंद्र शर्मा, राजीव मेहर, राजीव चोपड़ा  विभिन्न पंचायतों से आए पंचायत प्रतिनिधियों तथा वरिष्ठ लोगों को सम्मानित किया। इस मौके पर ग्राम पंचायत बारी के प्रधान रविंद्र ठाकुर विशेष रूप से मौजूद रहे। अनिल चौहान ने अपने संबोधन में एक निजी संस्थान को आने वाली समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थानों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। 


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