स्नो स्कीइंग व स्लेजिंग के कोर्स भी जल्द होंगे शुरू
केलांग, 11 दिसंबर : जिला लाहौल स्पीति को प्रकृति ने ठेठ स्थलाकृतियों से नवाजा है। यहां की नैसर्गिक सुंदरता से लबरेज ऊंची पर्वत श्रृंखलाएं पर्यटकों को जहां एक और घंटो निहारने पर मजबूर करती है। वहीं दूसरी ओर शीतकालीन व साहसिक खेलों के लिए अनुकूल यहां की भौगोलिक परिस्थितियां पर्यटन व्यवसाय को मजबूती प्रदान कर रही है।
इसी दिशा में जिला लाहौल स्पीति प्रशासन द्वारा शीतकालीन व साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए न केवल पहल की है, बल्कि जो पहले से यहां पर इन खेलों से जुड़ी गतिविधियां चलाई जा रही हैं। उन्हें भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उपायुक्त सुमित खिमटा ने बताया कि लाहौल के जिस्पा में आइस स्केटिंग रिंक की उचित व्यवस्था के लिए जनजातीय उपयोजना के तहत टूरिज्म हेड से पर्यटन शीर्ष में समुचित बजट की भी व्यवस्था की गई है, ताकि यहां पर शीतकालीन मौसम में आइस स्केटिंग से जुड़ी अन्य गतिविधियां आयोजित करवाई जा सके। उपायुक्त सुमित खिमटा ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान मनाली के सौजन्य से विशेषज्ञ दल द्वारा लाहौल स्पीति में स्कीइंग व स्लेजिंग के कोर्स भी शीतकालीन खेलों के प्रेमियों के लिए जल्द शुरू करवाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में सर्दियों में आइस क्लाइंबिंग जोकि हाल ही में शुरू की गई है। इसे बढ़ावा देने व उजागर करने की दृष्टि से लाहौल में छेलिंग गांव के समीप आइस क्लाइंबिंग के लिए मानव निर्मित, जमी बर्फ (आइस) का पहाड़ तैयार किया जा रहा है। विशेषज्ञ दल,स्थानीय ईकोटूरिज्म व एडवेंचरस क्लब के हित धारक इस कार्य में जुटे हुए हैं। एक दो सप्ताह में यह स्थल बनकर आइस क्लाइंबिंग खेल के लिए तैयार हो जाएगा।
उपायुक्त ने यह भी बताया कि अभी हाल ही में पर्वतारोहण संस्थान मनाली के सहयोग से आजादी के अमृत महोत्सव कोकसर से कीर्तिंग तक 75 किलोमीटर तक कयाकिंग अभियान भी चलाया गया। उन्होंने बताया कि रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग के लिए मानदंड और दरें निर्धारित कर दी गई है। उपायुक्त ने बताया कि शीतकालीन महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाले तीरंदाजी प्रतियोगिता को हित धारकों के माध्यम से पर्यटन व्यवसाय से जोड़ने पर बल दिया जा रहा है।