किन्नौर, 06 दिसंबर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर द्वारा एडीआर भवन रिकांगपिओ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें महिला मंडल चगांव व कल्पा की महिलाओं ने भाग लिया। शिविर की अध्यक्षता करते हुए सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर निशांत वर्मा ने कहा कि इस विधिक साक्षरता शिविर का मुख्य उद्देश्य महिला मंडलों के माध्यम से जिला की महिलाओं व ग्रामीणों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के साथ-साथ कानूनी तौर पर साक्षर बनाना है।
उन्होंने बताया कि इस जागरूकता शिविर का उद्देश्य दूर-दराज क्षेत्र के ऐसे व्यक्ति है जो आर्थिक दृष्टि से गरीब, पिछड़े व कमजोर वर्ग (अनुसूचित जाति/जनजाति), महिलाएं, असहाय, नाबालिग बच्चे, ऐसी महिलाएं व बुजुर्ग व्यक्ति जिनका कोई सहारा नही है। जिन्हें बुढ़ापे में अकेला छोड़ दिया जाता है, को कानूनी अधिकारों से अवगत करवाना है ताकि वह निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे व्यक्तियों को निःशुल्क कानूनी सहायता, कानूनी सलाह व कानूनी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।
इस अवसर पर अधिवक्ता एवं परामर्श दाता दीपक नेगी ने उपस्थित लोगों को घरेलू हिंसा अधिनियम-2005 के बारे में जानकारी प्रदान की व महिलाओं के अधिकारों से लोगों को अवगत करवाया। उन्होंने कल्पा स्थित सखी वन स्टाॅप सेंटर के बारे में महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार संबंधित मामलों का त्वरित निपटान सुनिश्चित बनाने हेतु इस सेंटर का गठन किया गया है, जिसमें महिलाएं 24 घंटे हेल्पलाइन नम्बर 181 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं।
संरक्षण अधिकारी अनुराज ने इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने उपस्थित महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विधवा पुनर्विवाह योजना, शगुन योजना, महिला स्वरोजगार योजना व बेटी है अनमोल योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। शिविर में महिला मंडल कल्पा-1 की प्रधान सरोज नेगी, चगांव महिला मण्डल की प्रधान सुंदर ज्ञानी व महिला मंडल कल्पा-2 की प्रधान चंद्रकांता सहित अन्य ग्रामवासी उपस्थित रहे।