नाहन, 25 नवंबर : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में प्रथम वर्ष के छात्रों का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है। जिसमे छात्र संग़ठन एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष विपुल शर्मा ने परीक्षा परिणाम पर सवाल उठाए है। जिला अध्यक्ष विपुल शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का परिणाम घोषित किया गया है, जिसमे प्रदेश भर में महज 10 से 15 प्रतिशत छात्रों को पास किया गया है। छात्र कॉलेज के मासिक परीक्षाओं में जो 90% से अधिक अंक लेकर पास हुए है। वह अन्य पेपरों में 80 से 90 अंक लेकर पास हो रहे है।
वहीं, एक या दो परीक्षाओं में सिर्फ 5 और 10 अंक मिले है। ऐसे में लाखों छात्रों के जहन में धांधली का सवाल पैदा हो रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए विपुल शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। एचपीयू द्वारा बहुत देरी से छात्रों का परिणाम घोषित किया है जिसमे प्रथम वर्ष की परीक्षाएं देकर छात्र द्वितीय वर्ष का सत्र भी लगभग पूरा करने वाले थे। ऐसे में परीक्षाओं में फेल करके छात्रों के दो वर्ष खराब हो गए है।
विपुल शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सरकार के साथ मिलकर बैकडोर तरीके से जो अपने चेहतों को भर्ती किया गया था। यह उसका परिणाम है जो आज प्रदेश का युवा भुगत रहा है। प्रदेश के लाखों छात्र प्रशासन से मांग कर रहे है कि दोबारा से सही तरीके से पेपरों को चेक किया जाए ताकि लाखों छात्रों का भविष्य खराब होने से बच सके। यदि समय रहते विश्वविद्यालय द्वारा इन परीक्षा परिणामों को दुरुस्त नही किया जाता तो एनएसयूआई प्रदेश भर में आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।
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