धर्मशाला, 22 जुलाई : उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत आधार कार्ड पर आधारित भुगतान प्रणाली को शुरू की जा रही है। जिसके लिए ई-केवाईसी और बैंक खाता का आधार के साथ लिंक किया जाना अनिवार्य है। ई-केवाईसी पीएम किसान पोर्टल पर की जा रही है।
उन्होंने बताया कि ई-केवाईसी की प्रक्रिया हेतु वेबसाईट लिंक https://pmkisan.gov.in/aadharekyc.aspx है। यह प्रक्रिया 31 जुलाई, 2022 तक पूर्ण की जानी है, जिससे योजना के लाभार्थी किसान पीएम किसान पोर्टल या एप्लीकेशन पर जा कर बिना किसी शुल्क के पूरा कर सकते हैं, और ई-केवाईसी का बायोमेट्रिक सत्यापन नजदीकी लोकमित्र केंद्र में भी की जा सकती है, जिसकी फीस सरकार द्वारा 15 रुपये निर्धारित की गयी है।
इसके अतिरिक्त योजना के समस्त लाभार्थी जिनका बैंक खाता अभी तक आधार के साथ लिंक नहीं हुआ है, बैंक खाता को आधार से लिंक कर लें तथा ई-ईकेवाईसी की प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण कर लें। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2022 है, यदि इस प्रक्रिया को तय सीमा के अन्दर पूरा नहीं किया गया, तो इसके लाभार्थी योजना के तहत मिलने वाली किस्तों के लाभ से वंचित हो सकते है। पीएम किसान सम्मान निधि की बारहवीं किस्त शीघ्र जारी होने वाली है। इसलिए सभी लाभार्थी किसानों से आग्रह है कि निर्धारित समय अवधि के अन्दर समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर लें, ताकि योजना के समस्त लाभार्थी अगली किस्त जो आधार कार्ड पर आधारित प्रणाली पर की जारी की जानी है, का लाभ प्राप्त कर सके।
उधर, जिला राजस्व अधिकारी ने बताया कि ई-केवाईसी सत्यापन को लेकर ओटीपी आधारित सत्यापन व बॉयोमीट्रिक प्रमाणीकरण सत्यापन के दो विकल्प उपलब्ध हैं। ओटीपी आधारित सत्यापन के अंतर्गत लाभार्थी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पोर्टल पर पंजीकृत मोबाइल नम्बर के माध्यम से स्वयं नि शुल्क सत्यापन करवा सकते हैं। बॉयोमीट्रिक प्रमाणीकरण सत्यापन करवाने के लिए लाभार्थी को अपने निकटतम लोक मित्र केन्द्र में संपर्क करना होगा।
प्रत्येक बॉयोमीट्रिक प्रमाणीकरण सत्यापन के लिए लोक मित्र केन्द्र द्वारा लाभार्थी से समस्त करों सहित 15 रुपये शुल्क लिया जाना निर्धारित किया गया है । उन्होंने जिला के समस्त लाभार्थियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत लाभार्थियों को शीघ्र ई-केवाईसी सत्यापन करवाना सुनिश्चित करने को कहा है ताकि भविष्य में योजना के अंतर्गत किसानों को लाभ मिल सके।