शिमला, 12 जुलाई : राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंडी स्थित सरदार पटेल विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों से संवाद करते हुए कहा कि समाज की सोच विश्वविद्यालय की स्थिति में प्रतिबिम्बित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नालंदा और तक्षशिला को इन विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक वातावरण व इन संस्थानों के प्राध्यापकों ने विश्व विख्यात बनाया।
उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि अस्तित्व में आने की छोटी सी अवधि में ही यह विश्वविद्यालय विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें देश को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं को सक्षम बनाना होगा और समाज को सही दिशा दिखाना शिक्षकों का कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि विभिन्न दृष्टिकोण विकसित करते हुए इसी भावना के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने दायित्व का निर्वहन करने की भावना आपके भीतर से जागृत होनी चाहिए। इस अवसर पर सरदार पटेल मंडी के कुलपति प्रोफेसर डी.डी. शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की गतिविधियों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इसके उपरान्त राज्यपाल ने श्री लाल बहादुर शास्त्री आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, नेरचौक (मंडी) का दौरा किया और महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया।इस अवसर पर राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हमें समाज की आवश्यकताओं के प्रति केन्द्रित होना चाहिए, और आज इस पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में उपस्थित डॉक्टरों, प्रशिक्षु डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि वे मानवता की सेवा कर रहे हैं और गरीबों तथा वंचितों को बेहतर उपचार सुविधाएं प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि एलोपेथी व आयुर्विज्ञान चिकित्सा पद्धति का समायोजन कर हमें रोगियों को बेहतर उपचार सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए।
डॉ. देवदत्त शर्मा ने इस अवसर पर राज्यपाल को सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर स्वागत भाषण दिया और संस्थान का दौरा करने के लिए राज्यपाल का आभार प्रकट किया। संस्थान के पंजीयक अमर नेगी ने संस्थान द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों से संबंधित एक प्रस्तुति भी दी। राज्यपाल ने मंडी के सुंदरनगर में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित डायलिसिस केंद्र का भी दौरा किया। उन्होंने इस अवसर पर रोगियों से बातचीत की और रोगियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली।