पारंपरिक मेलों से प्रदेश की अपनी विशिष्ट पहचान, छिंज मेले में 8 लाख देने की घोषणा

धर्मशाला, 16 अप्रैल : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि वर्ष भर लगने वाले पारम्परिक मेलों के कारण हिमाचल अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि मेले और उत्सवों के आयोजन से हमारी संस्कृति को संजोने और सहेजने में बल मिलता है, साथ ही साथ नई पीढ़ी को हमारी समृद्ध संस्कृति एवं परम्पराओं का भी ज्ञान होता है।

    सरवीण चौधरी ने चांदमारी कजलोट पंचायत में लगभग 2 लाख से बनने वाले जिम कमरे के उद्घाटन के उपरांत बोल रहीं थीं। इसके उपरांत उन्होंने चांदमारी कजलोट व राजोल में छिंज मेले में समापन समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने चांदमारी कजलोट मेला कमेटी को 31000 रुपए, चांदमारी कजलोट पंचायत में श्मशान घाट के लिये डेढ़ लाख, गोरखा मन्दिर के समीप बाउंड्री बाल के लिए डेढ़ लाख तथा 10 सोलर लाइट लगाने की  घोषणा की साथ ही गांव में सड़क बनवाने का भी आश्वासन दिया। सरवीण चौधरी ने राजोल में अखाड़ा स्टेज बनाने के लिए 3 लाख, सीढियों के  लिए  2 लाख, शमशान घाट के सौंदर्यीकरण के लिए डेढ़ लाख  तथा मेला कमेटी राजोल को 31000 देने की घोषणा की। इसके अलावा वार्ड नम्बर 5 में शेड के निर्माण के लिए एक लाख रुपये देने की घोषणा की।

इस अवसर पर चांदमारी मेला कमेटी प्रधान निरंजन सिंह राणा, सचिव विजय कुमार, संजय कुमार, कोषाध्यक्ष राम धर शर्मा, सुभाष कुमार, प्रधान कजलोट देवदत्त, उपप्रधान सुभाष चन्द्र, प्रधान घरोह तिलक शर्मा, पूर्व बीडीसी चेयरमैन अश्वनी चौधरी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट दीपक अवस्थी, राजोल मेला कमेटी प्रधान बलदेव राज, राजोल प्रधान सपना चौधरी, उप प्रधान प्रदीप चौधरी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।


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