सोलन, 15 अप्रैल : राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने सोलन जिले के लॉरेंस स्कूल सनावर की उत्कृष्टता के 175 वें वर्ष के स्मरणोत्सव समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लॉरेंस स्कूल ने अपनी स्थापना के बाद से एक लंबी यात्रा पूरी की है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि लॉरेंस स्कूल ने अपनी स्थापना के 175 वर्षों की लम्बी यात्रा तय की है। संस्थान 175 वर्ष ऐसे समय में मना रहा है जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।
उन्होंने कहा कि आज हम संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 132 जयंती भी मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस शिक्षण संस्थान ने देश और दुनिया को उच्च स्तर के विद्यार्थी दिए हैं जिन्होंने महत्वपूर्ण पदों पर रहकर और हर क्षेत्र में स्कूल का नाम रौशन किया है।
उन्होंने कहा कि जो संस्कार, अनुशासन और आदर्श स्कूल से मिले वे यहां के विद्यार्थियों ने समाज को दिए हैं। आर्लेकर ने कहा कि विद्यार्थी लगातार अपने शिक्षक के संपर्क मेें रहता है। इसलिए एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वे उसमें मूल्यों के साथ-साथ राष्ट्रीयता की भावना का संचार भी करे। उसके समग्र विकास में स्कूल के वातावरण का अधिक प्रभाव पढ़ता है।
राज्यपाल ने स्कूल प्रबंधन को राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुसरण करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल की अपनी परम्पराएं रही हैं लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति यहां के विद्यार्थियों के जीवन में और गुणात्मक योगदान देने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने इस विषय पर स्कूल में सम्मेलनों के आयोजन पर बल दिया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर स्कूल पत्रिकाएं और स्मारक पदक भी जारी किया। स्कूल के हेडमास्टर हिम्मत सिंह ढिल्लो ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा स्कूल के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उपलब्धियों की जानकारी दी। स्कूल समिति के अध्यक्ष मेजर संजीव शर्मा, संचालन समिति के अध्यक्ष जनरल कुलप्रीत सिंह, सोलन की उपायुक्त श्रीमती कृतिका कुल्हारी, पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र शर्मा, बोर्ड के सदस्य और अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।