चंबा, 11 मार्च : उपायुक्त डीसी राणा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जल विद्युत निगम द्वारा जिला में हाइड्रोजन गतिशीलता आधारित परियोजना स्थापित करने को लेकर उनके कार्यालय कक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। डीसी राणा ने बताया कि राष्ट्रीय जल विद्युत निगम पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर जिला में उपयुक्त स्थल पर 250 किलोवाट के फोटोवोल्टिक सोलर प्लांट के माध्यम से हाइड्रोजन ईंधन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के साथ हाइड्रोजन ईंधन पर आधारित 33 सीटर बस भी उपलब्ध कराएगा। बस का परिचालन हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम द्वारा जिला के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में किया जाएगा।
बैठक में महाप्रबंधक राष्ट्रीय जल विद्युत निगम, विद्युत परियोजना चमेरा चरण 2 व 3 एसके संधू भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। परियोजना स्थापित करने को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा के दौरान यह निर्णय भी लिया गया कि परियोजना को एनएचपीसी के पास उपलब्ध भूमि पर स्थापित किया जाए। परियोजना के लिए भूमि चयन करने को लेकर उपायुक्त ने संबंधित एसडीएम की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की कमेटी गठित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए की गठित कमेटी 15 मार्च को जिला के विभिन्न क्षेत्रों में एनएचपीसी के पास उपलब्ध भूमि का निरीक्षण करेगी।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आईओसीएल फरीदाबाद में स्थापित संयंत्र का विभिन्न विभागीय और एनएचपीसी के अधिकारी दौरा करेंगे। राष्ट्रीय जल विद्युत निगम के परियोजना प्रबंधक एसके संधू ने परियोजना से संबंधित तकनीकी पहलुओं की जानकारी प्रदान की। उन्होंने यह भी बताया कि बस में एक बार पूरा इंधन भरकर 200 किलोमीटर तक चलाया जा सकेगा । सोलर प्लांट से हाइड्रोजन उत्पादित करने के पश्चात बची हुई विद्युत आपूर्ति को स्थानीय ग्रिड में भेजा जाएगा।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा, सहायक आयुक्त रामप्रसाद शर्मा, जिला राजस्व अधिकारी सुनील कैंथ , क्षेत्र परिवहन अधिकारी ओंकार सिंह , क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी राजन कुमार, अधिशासी अभियंता जल शक्ति रजिंदर सिंह, सहायक अभियंता विद्युत राज सिंह, स्थानीय एनएचपीसी प्रबंधन के अधिकारी व प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अभियंता भी मौजूद रहे।