धर्मशाला, 09 मार्च : औषधीय पौधों के उत्पादन में स्वरोजगार की असीम संभावनाएं हैं। औषधीय पौधे स्वदेशी चिकित्सा पद्धति के लिए प्रमुख संसाधन हैं। आयुष प्रणालियों की राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर पहुंच और स्वीकार्यता के कारण औषधीय पौधों का व्यापार निरन्तर बढ़ रहा है। जिला में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान समूह तैयार किए जाएंगे। ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके।
यह जानकारी उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय परिसर के सभागार में आयुष तथा मेडिसन प्लांट बोर्ड के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। इस बैठक में उद्यान, कृषि तथा परियोजना अधिकारी डीआरडीए भी शामिल रहे।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत औषधीय पौधों की खेती के लिए विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इसके लिए विभिन्न किसान समूह बनाए जाएंगे। इसमें कृषि, उद्यान तथा ग्रामीण विकास विभाग की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों की नर्सरी इत्यादि तैयार करने में मनरेगा इत्यादि कार्यों से भी जोड़ा जाएगा। उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि आयुष तथा मेडिसन प्लांट बोर्ड के अधिकारियों को औषधीय पौधों की मार्केट डिमांड, औषधीय पौधों की गुणवत्ता तथा औषधीय पौधों के विपणन के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा गया है ताकि डिमांड के अनुसार ही औषधीय पौधों की विभिन्न किस्मों का उत्पादन किया जा सके। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों की खेती के बारे में किसानों को भी जागरूक तथा प्रेरित किया जाएगा।
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि विभिन्न ब्लाकों में औषधीय पौधों की खेती की दिशा में पहल भी की गई है तथा वैल्यू एडिशन के प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए उद्योग विभाग के माध्यम से भी मदद की जाएगी ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके। उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि मार्केटिंग के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा ई-चर्क ऐप भी लांच किया गया है इस ऐप के माध्यम से किसानों को औषधीय पौधों की मार्केटिंग तथा दामों के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है।
इससे पहले रिसर्च इंस्टीट्यूट इन इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अरूण चंदन ने औषधीय पौधों के उत्पादन, गुणवत्ता, डिमांड तथा मार्केटिंग के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर उपनिदेशक उद्यान विभाग डा कमल नेगी, उपनिदेशक कृषि विभाग राहुल कटोच, परियोजना अधिकारी डीआरडीए सोनू गोयल ने भी विस्तार से अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर एडीसी राहुल कुमार सहित जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा अंजलि तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।