कांगड़ा, 21 फरवरी : उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों, पशु चिकित्सा संस्थानों में बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इस बाबत शनिवार को उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा स्वास्थ्य, आयुर्वेदिक, पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक भी आयोजित की गई। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा पहले ही बायो मेडिकल कचरा के कारगर प्रबंधन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं तथा उन्हीं आदेशों के आधार पर जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि स्वास्थ्य, आयुर्वेदिक तथा पशुपालन विभाग को अपने विभागों से संबंधित ऐसे सभी संस्थानों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है। जिनमें बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन के लिए आवश्यक पिट्स इत्यादि तैयार नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर आयुर्वेदिक औषधालय, पशु औषधालय इत्यादि एक ही जगह पर हैं वहां पर संयुक्त तौर भी बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन की दिशा में कार्य किया जा सकता है।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने इसके लिए आयुर्वेदिक, स्वास्थ्य तथा पशु पालन विभाग को नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना तथा बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट भी प्रेषित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि बायो मेडिकल कचरे का उचित निष्पादन भी सुनिश्चित किया जाएगा इस के लिए निजी एजेंसी के साथ बायो मेडिकल कचरे को स्वास्थ्य संस्थानों से एकत्रीकरण के लिए प्राधिकृत किया गया है तथा नियमित तौर पर बायो मेडिकल कचरा संस्थानों से एकत्रित करने के लिए उचित दिशा निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि नगर निकायों में भी घरों से बायो मेडिकल बेस्ट के एकत्रीकरण के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी इस के लिए भी नगर निकाय प्रबंधन को दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए बायो मेडिकल कचरे का उचित प्रबंधन जरूरी है। इस अवसर पर सीएमओ डा गुरदर्शन गुप्ता, प्रिंसिपल टांडा मेडिकल कालेज भानु अवश्थी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, आयुर्वेदिक तथा पशु पालन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।