कांगड़ा, 04 फरवरी : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार धर्मशाला में आयोजित हिमाचल प्रदेश अनुसूचति जाति कल्याण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया। अनुसूचित जाति से सम्बन्धित परिवारों को उपकरणों की खरीद पर अनुदान राशि 1300 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये और सिलाई मशीनों की खरीद के लिए अनुदान राशि 1800 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने की घोषणा की, ताकि इन समुदायों के लोगों को सुविधा प्रदान की जा सके। उन्होंने संविधान निर्माता के सम्मान में प्रत्येक जिला में एक पुस्तकालय का नाम डाॅ. भीम राव अम्बेडकर पुस्तकालय करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग का उत्थान और उनका सामाजिक-आर्थिक विकास प्रदेश सरकार का मुख्य ध्येय रहा है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा इन वर्गों के लिए प्रारम्भ की गई कल्याणकारी योजनाओं का अधिकाधिक लाभ प्रदान करना राज्य सरकार की उच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र लाभार्थी को मिले इसके लिए एक पारदर्शी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति परिवारों से बीपीएल के चयन में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में अम्बेडकर भवनों का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक 51 भवन निर्मित हो चुके हैं, और शेष का निर्माण कार्य विभिन्न स्तरों पर पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर भवनों का समुचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह भवन इस समुदाय के लिए बहुउपयोगी हैं। उन्होंने इन भवनों के प्रबंधन के लिए स्थानीय स्तर पर तंत्र विकसित करने का भी सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सरकारी क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं की समुचित सहभागिता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत बैकलाॅग पद भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान प्रारम्भ किया है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति समुदायों के प्रति अत्याचार के मामलों में पुलिस को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य अनुसूचित जाति निगम इन समुदायों के युवाओं को स्वरोजगार परियोजनाएं प्रारम्भ करने के लिए अनुदानित दरों पर ऋण उपलब्ध करवा रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में हर सम्भव सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कृत्तसंकल्प है। इन गांवों में पेयजल, रास्तों के निर्माण और स्ट्रीट लाइट इत्यादि लगाने के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए निर्धारित वार्षिक आय की सीमा 35 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय से कमजोर वर्गों के और अधिक परिवारों को इन योजनाओं का लाभ सुनिश्चित हो सकेगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि समाज का प्रत्येक वर्ग भाईचारे की भावना से रहे क्योंकि इसी से समाज, प्रदेश और देश की उन्नति होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में किसी भी समुदाय के खिलाफ किसी भी प्रकार का भेदभाव सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रसार के फलस्वरूप भेदभाव के मामलों में दिन-प्रतिदिन कमी आ रही है। उन्होंने अधिकारियों को अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों की विकासात्मक मांगों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में 60 यूनिट तक बिजली खपत पर शून्य बिजली बिल की घोषणा की है, जिससे अधिकतम लाभ अनुसूचित जाति समुदाय को हो रहा है। उन्होंने बहुमूल्य सुझावों के लिए बोर्ड के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चैधरी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य के अनुसूचित जाति समुदाय के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनेक कल्याणकारी और विकासात्मक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्रदान करने के लिए 929 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।
प्रधान सचिव आरडी नजीम ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विवेक भाटिया ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों ने भी इस अवसर पर अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने अनुसूचित जाति समुदाय के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं प्रारम्भ करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।मुख्य सचेतक एवं विधायक विक्रम जरयाल, धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया, निदेशक ग्रामीण विकास ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त डाॅ. निपुण जिन्दल इस अवसर पर धर्मशाला में तथा अन्य उपायुक्त वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।