कांगड़ा, 04 फरवरी: जिले के सभी विकास खंडों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए सभी विकास खंड अधिकारियों को विभिन्न प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने देते हुए बताया कि जनवरी 2022 माह में आयोजित समीक्षा बैठक में सभी विकासखंड अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में एसएलडब्ल्यूएम संयंत्रों की स्थापना की योजना प्रस्तुत की थी। उसी के आधार पर विकास खंड अधिकारियों के लिए एक एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया गया। इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया।
एडीसी राहुल कुमार और अन्य पर्यावरण विशेषज्ञों के नेतृत्व में विकास खंड अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कांगड़ा में स्थापित बायोडिग्रेडेबल प्लांट और ज्वालाजी में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संयंत्र का क्षेत्र का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल के साथ कांगड़ा और ज्वालाजी नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारी और स्थानीय पीआरआई भी शामिल थे।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिले के ज्वालाजी में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में बेहतर काम किया जा रहा है। कांगड़ा में स्थापित प्लांट में कचरे से खाद तैयार की जा रही है। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने जिले के विकासखंड प्रागपुर की ग्राम पंचायत कुहना में स्वयं सहायता समूहों के कार्यों का भी निरीक्षण किया। यहां के स्वयं सहायता समूह औषधीय पौधों के प्रसंस्करण में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। जिला प्रशासन के सक्रिय सहयोग से उत्पादों के विपणन में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
इस दिशा में जिला प्रशासन ने अपना कांगड़ा ऐप भी लॉन्च किया है। ताकि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को आनलाइन बेचा जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में तीन कांगड़ा हाट बन रहे हैं। अपना कांगड़ा का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह एक्सपोजर विजिट बीडीओ को फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज के लिए सार्थक साबित होगी और जिला कांगड़ा में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और सशक्त बनाने में मदद करेगा।