नितेश सैनी/सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश में चल रहे आधा दर्जन के तकरीबन मेडिकल कॉलेजों में मैनपावर समेत मैस सर्व करने वाली कंपनियों के नए सिरे से ट्रेंडर कॉल किए जा रहे हैं। लेकिन एकमात्र नेरचौक स्थित लाल बहादुर मेडिकल कॉलेज में अंदर खाते एक्सटेंशन देने की तैयारियां की जा रही है। वह भी एक फर्म को जिसे इंडियन इंस्टीच्युट आफ एडवांस स्टडी ने ब्लैकलिस्ट कर दिया हो।
यह शब्द सुंदरनगर में प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग एवं पूर्व जिला परिषद सदस्य चमन राही ने कहे। उन्होंने कहा कि ब्लैकलिस्ट की गई कंपनी को मेडिकल कालेजों, जोनल अस्पताल मंडी, सिविल अस्पताल सुंदरनगर समेत अन्य अस्पतालों व सरकारी विभागों में भी काम सौंपना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि यह कंपनी कर्मचारियों का सीधे तौर पर शोषण कर रही है। प्रदेश सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में से नेरचौक मेडिकल की मैनपावर का काम देख रही ब्लैकलिस्ट फर्म का रेट भी सबसे ज्यादा है। जिसे वित्त विभाग के अधिकारी भी सरकार को अन्य फर्म को काम करने के लिए परामर्श कर चुके हैं। लेकिन जो कंपनी ब्लैकलिस्ट है। प्रदेश में चंड़ीगढ़ का ईपीएफ नंबर इस्तेमाल कर रही है। हिमाचल प्रदेश का सब कोड नहीं लिया गया है। चंड़ीगढ़ से भी नंबर आबंटित नहीं किया गया है।
उन्होंने सवाल खड़े किए है कि ग्रांड इन एडेड व बच्चों की फीस से चले रहे इस मेडिकल कॉलेज के लिए सबसे ज्यादा रेट एक ब्लैकलिस्ट फर्म को क्यों दिए गए है। जबकि अन्य दो फर्मो के रेट इन से भी कम थे। उन्होंने कहा कि इस बात का खामियाजा हजारों आउटसोर्स कर्मियों को कम वेतन पर काम करके चुकता करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जबकि नियमों के तहत 10 हजार से ऊपर वेतनमान मिलना चाहिए।
यह फर्जी फर्म सीधे तौर पर आउटसोर्स कर्मियों का शोषण कर रही है। जिसे समाज का कोई भी वर्ग किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि उक्त कर्मियों को ईएसआई तक की सुविधा नहीं मिलती है। ईपीएफ समेत अन्य सुविधाएं समय पर न मिलने से सीधे तौर पर श्रम विभाग के कानून की अवहेलना की जा रही है। प्रदेश सरकार ने इसी फर्म को बिना टेंडर के ही मैस का भी काम गलत तरीके से आबंटित कर डाला है। वहीं सफाई कर्मियों से वार्ड अटेंडेंट का काम लिया जा रहा है।वेतन सफाई कर्मी का ही दिया जा रहा है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मसले की धरातल से जांच की जाए। किसी नई व कम रेट वाली फर्म को काम सौंपा जाए और इस मामले की सीआईडी या फिर विजिलेंस समेत किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है। इस मौके पर वाल्मीकि समाज सुधार समिति के संस्थापक चंद्रवीर कागरा, बाल्मिकी सभा के अध्यक्ष राजेश्वर पहेवाल, कोली सुधार सभा संयोजक खूब राम चौहान, अप्लसंख्यक सभा संयोजक सरदार कुलतार सिंह, पिछड़ा वर्ग के प्रचार सचिव हंसराज जसवाल मौजूद रहे।