वी कुमार/मंडी
देश भर की तरह छोटी काशी में भी सिक्खों के दसवें गुरू, श्री गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश उत्सव बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष पर शनिवार को दोपहर बाद शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। ऐतिहासिक गुरूद्वारे से शुरू हुई यह शोभायात्रा पूरे शहर की परिक्रमा करने के बाद फिर से गुरूद्वारा परिसर में आकर संपन्न हुई। इस दौरान गतला कला और बैंड आकषर्ण का मुख्य केंद्र रहे। पूरा शहर गुरूवाणीयों से गूंज उठा और माहौल भक्तीमयी हो गया।
जिला के विभिन्न इलाकों से आई संगतों के साथ दूसरे जिलों और प्रदेशों से बड़ी संख्या में आई संगतों ने इसमें भाग लिया। वहीं स्थानीय लोग भी इस शोभायात्रा का हिस्सा बने। स्थानीय सिक्ख श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्हें वर्ष भर इस उत्सव का इंतजार रहता है क्योंकि गुरू महाराज खुद मंडी की धरती पर आकर अपना आशीवार्द देकर गए हैं। वहीं इस पूरे आयोजन को लेकर रविवार को गुरूद्वारा परिसर में विशेष आयोजन किया जाएगा। गुरूवाणीयों के माध्यम से कीर्तन दरबार सजेगा और गुरू का लंगर अटूट बरतेगा।
बता दें कि सिक्खों के दसवें गुरू, श्री गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज का शहर के साथ विशेष नाता रहा है। गुरू महाराज न सिर्फ यहां आए बल्कि अपनी जिंदगी के 6 महीने और 18 दिन बिताकर गए थे। जहां पर वह रूके आज वहां पर भव्य गुरूद्वारा बना हुआ है। गुरू महाराज ने छोटी काशी मंडी को वरदान दिया था कि शहर पर कोई भी बूरी नजर नहीं डाल पाएगा और अगर कोई ऐसा करेगा तो उस पर आसमानी गोले बरसेंगे। आज भी गुरू महाराज की पलंग, राईफल, बारूद भरने की कूपी और सितार मंडी के ऐतिहासिक गुरूद्वारे में मौजूद हैं। जिनके दर्शनों के लिए संगतें दूर-दूर से यहां आती हैं।