वी कुमार/मंडी
मंडी जिला प्रशासन ने शहर के साथ लगते पुलघराट में शुक्रवार को भूस्खलन पर आधारित मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, रेडक्रास सोसायटी के सर्व वॉलंटियर, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सूचना एवं जन संपर्क विभाग और दूरसंचार सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। मॉक ड्रिल में कोटरोपी हादसे जैसा दृश्य तैयार किया गया। प्रशासन के पास स्थानीय लोगों से सूचना पहुंची कि पर्यटकों से भरी एक बस भूस्खलन की चपेट में आ गई है और मलबे में दब गई है।
सबसे पहले स्थानीय लोगों ने अपने स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची। उसके कुछ देर बार होमगार्ड की क्यूआरटी और एसडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य सूचित किया। हादसे की भयावह स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ की मदद भी ली गई। सभी ने मॉक ड्रिल के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया आपदा से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।
डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि मॉक ड्रिल आपदा की तैयारियों को जांचने का सबसे बेहतरीन तरीका है। इससे ही हमें कमियों का पता भी चलता है। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे से मॉक ड्रिल शुरू की गई थी जो दोपहर 2 बजे तक जारी रही। उन्होंने इसमें भाग लेने वाले सभी विभागों का आभार जताया। सभी से आपदा के समय भी इसी तत्परता से कार्य करने का आहवान किया।
बता दें कि वर्ष 2017 में मंडी जिला के कोटरोपी में प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भूस्खलन हुआ था। इसकी चपेट में एचआरटीसी की दो बसें आ गई थी। इस हादसे में 47 लोगों की मौत हुई थी। इसी प्रकार का दृश्य बनाकर शुक्रवार को मॉक ड्रिल का आयोजन करके अभ्यास किया गया।