एमबीएम न्यूज/ कांगड़ा
कुत्तों की बढ़ती तादात पर अंकुश लगाने में सरकार नाकाम हो रही है। शहर के साथ-साथ समीपवर्ती पंचायतों हलेड़कलां, बीरता, जोगीपुर में कुत्तों के बढ़ते खौफ से लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि जयराम सरकार ने सत्ता संभालते ही कुत्तों की नफरी पर अंकुश लगाने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक वर्ष बाद भी कुत्तों की बढ़ती तादाद को रोकने के लिए वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाया है। गांव के बाशिंदों नरेश ठाकुर, अंकुश धीमान, विजय चौधरी, अशोक कुमार, रजनीश, विशाल, सुकन्या देवी, रजनी, कांता, पुष्पा, सरोज इत्यादि ने कहा कि पिछले दो माह में आसपास के क्षेत्रों में कुत्तों के काटने से लगभग एक दर्जन लोग घायल हो चुके हैं।
मगर बार-बार गुहार लगाने के बावजूद नगर परिषद व साथ लगती पंचायतें इस बाबत कोई भी पुख्ता कदम नहीं उठा पाई हैं। उनका कहना है कि सुबह बच्चो को स्कूल भेजना भी खतरे से खाली नही है, क्योंकि गली में कूत्तों के झुंड घुमते रहते हैं, पता नहीं चलता कि कब कोई कुत्ता किसी को काट लें। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाया जाए और उनकी बढ़ती नफरी को रोका जाए, ताकि आम जन मानस बिना खौफ के आ-जा सके।
इस बाबत कांगड़ा नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी कंंचन बाला ने कहा कि उनके पास कुत्तों की नसबंदी की दवाइयों तो उपलब्ध हैं, लेकिन बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कुत्तों को वैक्सीनेशन के लिए डॉक्टर का इंतजात नहीं हो पाया है। उधर, पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि उनके पास कुत्तों की बढ़ती तादाद को रोकने के लिए कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है। एसडीएम शशीपाल नेगी ने कहा कि कुत्तों द्वारा लोगों को काटने के मामले उनके ध्यान में आए हैं, जल्द ही पुख्ता कदम उठाएंगे।