नितेश सैनी / सुंदरनगर
राज्य विद्युत बोर्ड परिषद मंडल सुंदरनगर में चतुर्थ श्रेणी पद पर तैनात महिला कर्मी से यौन उत्पीडऩ मामले की तस्वीर साफ हो गई है। महिला उत्पीडऩ समिति के समक्ष अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लगाए गए आरोप महिला कर्मी ने वापिस ले लिए हैं। महिला ने कहा है कि अन्य मंडल में तबादला किए जाने की एवज में वह मानसिक तौर पर परेशान हो गई थी और तबादला होने के सूरत में कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता का संदेह होने की सूरत में बदले की भावना से शिकायत पत्र मुख्यमंत्री को भेजा। महिला ने जाहिर किया है। उसने उक्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर शक के आधार पर उनके विरुद्ध कार्यकारी निदेशक विद्युत विभाग शिमला और ऊर्जा मंत्री को अश्लीलता का आरोप लगाकर पत्र लिख दिया। उसने बताया कि इसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है।
उसने बताया कि उन्हें अपने इस कार्य प्रति दुख है और उन्होंने यह सब गलतफहमी के कारण किया है। उन्होंने इस बात का अफसोस जाहिर किया और बताया कि काफी चिंतन मंथन करने के बाद उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन करके झूठी शिकायत वापिस ली है। उन सभी अधिकारी कर्मचारियों से भी आग्रह किया है कि उसके प्रति अपने मन में कोई भी दुर्भावना न रखें और गलतफहमी में किया गया कार्य समझ कर उसे क्षमा करें।
महिला ने अपने बयान में सेक्सुअल हैरेसमेंट कमेटी में अपने आरोप वापिस लेते हुए इन्हें द्वेष की भावना से प्रेरित करार दिया है। खबर की पुष्टि महिला यौन उत्पीडऩ समिति के चेयरमैन अरुणा सेन व सदस्य गंगा देवी ने की है और आगामी रिपोर्ट बिलासपुर अधीक्षण अभियंता को प्रेषित कर दी है। इसके माध्यम से अधिकारियों के द्वारा सरकार को प्रेषित कर दी जाएगी।