जीता सिंह नेगी/ रिकांगपिओ
किन्नौर के विधायक को परियोजना सलाहकार समिति (पीएसी) का चेयरमैन न बनाए जाने को लेकर किन्नौर के विधायक ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हाईकोट मे याचिका दायर की है। गौर रहे कि वर्तमान सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति व पांगी भरमौर में स्थानीय विधायक को परियोजना सलाहकार समिति का चैयरमेन बनाया गया है, जबकि जनजातीय क्षेत्र किन्नौर के विधायक को पीएसी का चेयरमैन ना बना कर उपायुक्त किन्नौर को चेयरमैन बनाया गया। इस संदर्भ को लेकर किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार के विरुद्ध हाईकोट में याचिका दायर की है।
विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने औपचारिक वार्ता के दौरान बताया कि वर्ष 1983 में हुए परियोजना सलाहकार समिति के गठन के बाद से लेकर अब तक जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय विधायक को ही परियोजना सलाहकार समिति का चेयरमैन बनाया जाता रहा है। लेकिन वर्तमान सरकार ने लाहौल-स्पीति व पांगी भरमौर को छोडकर किन्नौर में स्थानीय विधायक को परियोजना सलाहकार समिति का चेयरमैन न बना कर उपायुक्त को इस का चेयरमैन बनाया गया है। नेगी ने बताया कि जयराम सरकार अपने राम राज्य में राजनैतिक द्वेष भावना से काम करते हुए कांग्रेस समर्थित कि न्नौर के विधायक को इस पद से दूर रखा गया है। उन्होने कहा कि सरकार का इस तरह का निर्णय लोकतंत्र की हत्या करने के समान है।
नेगी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने किन्नौर में सत्ता परिवर्तन के बाद लाडा व साडा कमेटियों के अध्यक्ष भी स्थानीय विधायक के स्थान पर उपायुक्त को इन कमेटियों का चेयरमैन बनाया गया है। इसी संदर्भ में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। नेगी ने बताया कि दस माह के कार्यकाल में जिला के लाडा व साडा के तहत होने वाले कार्य पूरी तरह ठप्प पडे है। विद्युत कंपनियां लाडा कमेटी के पास अपने देय राशि तक जमा नही कर पा रही है। जब कि करोडो की राशि विभिन्न विद्युत परियोजनओं से लाडा कमेटी मे जमा होना बाकि है। इससे यहां का विकास कार्य पूरी तरह ठप्प पडी है। उन्होंने कहा कि विद्युत परियोजना कंपनियां समय सीमा पर अपने देय राशि जमा नही करती है तो परियोजना प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण विवश हो कर परियोजना प्रबंधन के विरुद्ध सड़कों पर उतरने को विवश होगी।