अभिषेक मिश्रा / बिलासपुर
मैं जानता हूं कि सीता धरती पुत्री है तथा राम भगवान के अवतार है, मैं ये भी जानता हूं कि मेरे दसों शीश धरती पर कट कर गिरने वाले हैं फिर भी मैं सीता जी को सादर नहीं लौटाऊंगा । यह संवाद बिलासपुर की ऐतिहासिक राम नाटक में जब रावण का दमदार अभिनय कर रहे बृजेश कौशल ने कहे तो समूचे पंडाल में खामोशी छा गई। रावण के सभी संवादों को लोगों ने बड़ी गौर से सुनकर आनंद उठाया तथा तालियां बजाकर अभिनेता बृजेश कौशल की तारीफ की।
वहीं बिलासपुर नगर के डियारा सेक्टर में चल रही ऐतिहासिक श्री राम नाटक मंचन की आठवीं संध्या में कुम्भकर्ण वध दृश्य को देखने के लिए जनसैलाब उमड़ा। दर्शक समय से पूर्व में पंडाल में पहुंच चुके थे। इस दृश्य में तकनीक का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने कुंभकर्ण के पांच टुकड़े कर दर्शकों को हैरान कर दिया। मंच प्रभारी संजय कंडेरा तथा सहयोगियों की कड़ी मेहनत द्वारा तैयार किए गए इस दृश्य में कुंभकर्ण का अभिनय कर रहे संदीप सैंडी ने पूरा न्याय किया। युद्ध के लिए जब कुंभकर्ण युद्ध भूमि में आते हैं तो वानर सेना में भगदड़ मच जाती है फिर प्रभु राम कुंभकर्ण का अंत करते हैं।
दूसरे दृश्य में लक्ष्मण मेघानाद का वध करते हैं तथा उसका शीश काटकर अपने साथ ले जाते हैं। वहीं लंका में शोक के माहौल में रावण की पत्नी मंदोदरी रावण को बहुत समझाने का प्रयास करती है कि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है आप सीता को सादर लौटा दो क्योंकि राम व लक्ष्मण को कोई साधारण मानव नहीं होकर कोई देव अवतार है। सुलोचना का अभिनय कर रहे अमन गुप्ता और मंदोदरी का अभिनय कर रहे प्रवीण कुमार ने अपनी दमदार अदाकारी से सभी का मन मोह लिया।
वहीं इस संध्या में राम का अभिनय नवीन सोनी, लक्ष्मण रिशु शर्मा, कुंभकर्ण संदीप गुप्ता, रावण बृजेश कौशल, मेघानाद नितिन, विभीषण रजत कुमार, हनुमान राजेंद्र चंदेल, सुग्रीव गिरीश, विलोमा शुभम कुमार, अंगद पारस गौतम, जावंत अंशुल प्रजापति ने निभाया।