अमरप्रीत सिंह/सोलन
सोलन की बघाटी सामाजिक संस्था ने बघाट रियासत के अंतिम शासक राजा दुर्गा सिंह का जन्मदिवस वार्षिक समारोह के रूप में मनाया। संस्था आपसी भाईचारे को मजबूती प्रदान करने और अपनी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कार्य करती है।
इस मौके पर बघाटी सामाजिक संस्था ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए गिरिराज व हिमप्रस्थ के वरिष्ठ संपादक सोलन निवासी विनोद भारद्वाज को सम्मानित किया। भारद्वाज का जन्म 15 दिसंबर1961 को कोटगढ़ पिता डॉ. सोमदत्त भारद्वाज और माता विमला भारद्वाज के घर हुआ। प्रारंभिक शिक्षा कोटगढ़ में प्राप्त करने के बाद सोलन कॉलेज से बीएससी (मेडिकल) और एलएलबी की। एचपीयू शिमला से पत्रकारिता में एमए की। 1979 में वह सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सहायक लोक संपर्क अधिकारी पद पर नियुक्त हुए। उप संपादक, सहायक संपादक, संपादक और वर्तमान वरिष्ठ संपादक के रूप में कार्यरत हैं।
बघाटी संस्था के कार्यक्रम में सोलन के विधायक डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि बघाट क्षेत्र ने हिमाचल को प्रदेश बनाने, नामकरण एवं विकास में राजा दुर्गा सिंह के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि वह महा मानव थे। डॉ. शांडिल ने कहा कि हमें अपनी बोली और संस्कृति का संरक्षण करना चाहिए।
कार्यक्रम के संयोजक शिव सिंह चौहान ने कहा कि हिमाचल और सोलन विशेषकर बघाट रियासत की प्राचीन संस्कृति को सहेजकर रखें ताकि युवा पीढ़ी भी अपनी संस्कृति, खान-पान और लोक कलाओं से रूबरू हो सकें। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध में हिमाचल की विशेष संस्कृति को समृद्ध रखना आवश्यक है। इस मौके पर बघाटी संस्था के वरिष्ठ सदस्य शेर सिंह ठाकुर ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा से प्रेम होना चाहिए। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान किया कि वे प्रदेश एवं अपने क्षेत्र की संस्कृति, परंपराओं, रीति-रिवाजों, बोली एवं खान-पान को महत्व दें। संस्था के संगठन सचिव धर्मेंद्र ठाकुर ने गंज बाजार में पार्क का नाम राजा दुर्गा सिंह के नाम पर रखे जाने और पार्क में उनकी प्रतिमा स्थापित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इस मौके पर संतोष भारद्वाज, कंवर शैलेंद्र सिंह, भाजपा नेता डॉ. राजेश कश्यप ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर बघाटी संस्कृति से सुसज्जित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। लोक गायक जिया लाल ठाकुर ने बघाटी में कॉमेडी के साथ-साथ करियाली गंगी पेश कर तालियां बटोरी। इसमें लोकगायक गौरीशंकर ठाकुर ने झूरी व गंगी पेश कर वाह-वाही लूटी। इसके अलावा सुमन ने बघाटी पड़ुआ व गिद्दा पेश किया। युवा गायक लक्ष्मी दत्त शर्मा ने चांदनीणा रातां रा नजारा व जाइके मैं आणा जुन्गा पेश किया। हेमंत अत्रि और राम लाल राही ने बघाटी में कविताएं पेश की।