रिकांगपिओ/ जीता सिंह नेगी
अमेरिका स्थित लिगमिन-च धर्मा सेन्टर सिरिनिटी रिच वर्जिनिया के विशेष आमंत्रण पर जिला के गेशे थुबतन ज्ञालछन नेगी 14 जून से दो माह तक अमेरिका में बौद्व धर्म के अनुयायिओं को धर्म का ज्ञान प्रदान कर रहे है। बोन एंव बौद्व धर्म के ज्ञाता गेशे थुबतन ज्ञालछन नेगी बीते कई वर्षा से अमेरिका, जर्मनी, बेलजियम, नीदरलैंड, स्विजरलैंड, आस्ट्रेलिया, पोलैण्ड, स्पेन, इंगलैंड, तथा एशिया के कई देशों में जा कर बोन एव बौद्व धर्म के अनुयायियों को मूल धार्मिक शिक्षा से सम्बधिंत ज्ञान प्रदान कर रहे है।
अमेरिका रवाना होने से पहले बोन धर्म एवं बौद्व धर्म के ज्ञाता गेशे थुबतन ज्ञालछन नेगी ने संवादाता से विशेष बातचीत की। गेशे थुबतन ज्ञालछन नेगी जी का जन्म 20-12-1975 ई में भोट ज्योतिष के प्रसिद्व विद्ववान लाम देवा राम जी के घर चौथी पीढी स्व तेंजिन प्रेमी एवं सीता मणि के पुत्र के रूप में हुआ। उन्होने वर्ष 1988 ई में बोन एकेडमी ऑफ फिलोस्पी, स्मन-रि गोनपा सोलन में प्रवेश लेकर वर्ष 2004 ई में गेशे की डिग्री प्राप्त की।
गेशे डिग्री प्राप्ति के दौरान उन्होने भोटी भाषा, बोन धर्म के सुत्र तंन्त्र तथा विशेष कर जोगिछेन, ध्यान साधना, प्रमाण आदि दर्शन शास्त्रों का सूक्ष्म अध्ययन किया। गेशे जी ने वर्ष 2007 में देहरादून में लिशु कंस्टीच्यूट की स्थापना की। तब से लेकर आज तक विश्व के विभिन्न देशों में बोन एंव बौद्व धर्म के अनुयायिओं को अध्यात्म शान्ति के लिए साधना एंव अध्ययन हेतु ज्ञान प्रदान कर रहे है।