रिकांगपिओ (जीता सिंह नेगी): जिला के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सांगला में तीन दिवसीय होली उत्सव का धूम-धाम से आगाज हुआ। जिला के सिर्फ सांगला में ही होली का पर्व अनोखा व बेहद शांतिपूर्ण रूप से तीन दिनो तक मनाया जाता है।
इस अवसर पर युवा वर्ग वृंदावन की तर्ज पर श्रीकृष्ण व गोपियों की वेशभूषा मे अलग-अलग परिधानों को पहन कर नृत्य करते है व एक दूसरे को रंग लगाते है। अंतिम दिन होली में सभी ग्रामीण सांगला गांव के इष्ट देव बेरिंग नाग मंदिर प्रगाण में एकत्रित होते है। देव वाद्य यंत्रों की थाप पर जिला पारम्परिक वेशभूषा में नाटी लगता है।
होली के अंतिम दिन इष्ट देवता बेरिंग नाग की उपस्थिति में इस बार भी शिमला जिला के रोहडू क्षेत्र के दो देवता इस होली पर्व मे सम्मलित होगें। तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पूरे सांगला गांव का भ्रमण कर लाल गुलाल एक दूसरे पर डाल कर धूम-धाम के साथ होली उत्सव का आंनद उठाया जाता है। सांगला निवासी उमेश नेगी, सत्यवान नेगी, राम नेगी, राजेश्वर नेगी, हरीश नेगी और सांगला होली उत्सव के अध्यक्ष अनूप नेगी व भूपेश नेगी ने कहा कि आजादी से पूर्व सांगला गांव के लोगों ने वृन्दावन की होली देखी और वापिस आ कर अपने कुल देव बेरिंग नाग के आदेशानुसार सांगला गांव में होली उत्सव का आगाज किया। उस दिन के बाद आज दिन तक सांगला गांव में उसी पारम्परिक रूप से होली उत्सव का आयोजन किया जाता है।
गांव के सुख शांति के लिए भी होली उत्सव मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सांगला गांव में होली मनाने के लिए जिले भर से लोग आते है और पूर्णिमा का चाँद उदय होते ही होलिका देहन किया जाता है। उस के अगले दिन नाग जी के मंदिर में इष्ट देव बेरिंग नाग की उपस्थिति में फाग उत्सव का आगाज होता है।