हमीरपुर(एमबीएम न्यूज़ ): जिला में पीने के पानी के लिए इस बार गर्मियों में मुसीबत आ सकती है। लिहाजा प्रशासन इस परिस्थिति से निपटने के लिए पहले ही सजग हो गया है। प्रशासन ने प्लान तैयार किया है कि पानी की किल्लत से मुकाबला करने के लिए प्राकृतिक जल स्त्रोतों को रिस्टोर किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर प्रशासनिक अधिकारी स्वय तालमेल बनाएगे। वहीं उपायुक्त जिला ने अपने दरबार का द्वार ऐसे फरियादी के लिए भी खोल दिया है।

किसी गांव में प्राकृतिक जल स्त्रोत की अनदेखी हुई है। तो इससे कोई भी आदमी प्रशासन को अवगत करवाने के लिए आ सकता है। उपायुक्त द्वारा तैयार किए गए इस प्लान में कुंए, बावडिय़ां व खातरियां मुख्य रूप से शामिल है। इसके लिए डीसी ने सभी एसडीएम को भी निर्देश जारी किए है कि अपने क्षेत्र के प्राकृतिक जल स्त्रोत की मौजूदा स्थिति से अवगत करवाएं। बताया जा रहा है कि जिला में लगभग सभी पेयजल योजनाओं में पानी उठाने की क्षमता कम हो गई है।
सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग विकट परिस्थितियों में पीने का पानी अभी तक उपलब्ध करवा रहा है। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी। ताकि पीने के पानी की समस्या पैदा न हो सके। जल स्तर भी काफी नीचे जा चुका है। लिहाजा प्राकृतिक जल स्त्रोत फिर से संजोने होगे। इसमें बमसन क्षेत्र की खातरियों के लिए बजट का विशेष प्रावधान करने की योजना बनी है।
बहरहाल प्राकृतिक जल स्त्रोतो की हालत मे यदि सुधार की जरूरत है तो लोगों को अपना यह दर्द स्वयं प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाना होगा। तभी इस मर्ज से निपटारा मिलेगा। साथ ही यदि पीने के पानी की किल्लत हो भी जाए तो ऐसा परिस्थिति में प्राकृतिक जल स्त्रोत सहायक सिद्व होगे।
डीसी आम जनता से मिलने के लिए स्वयं उनके घर द्वार जाएंगे। यह पहले एक ऐसे अधिकारी है जिन्होंने पहुंचतें ही प्लान तैयार किया है कि हर पंचायत का वह दौरा कर यहां के आम आदमी से स्वयं मिलेगे। यहां पर पहुंचने वाले लोगों की समस्याएं भी सुनी जाएगी। ताकि उनका निपटारा किया जा सके। स्वच्छता पर भी प्रशासन जागरूकता कार्यक्रम चलाएगा। इसके पीछे उद्देशय है कि हर घर में डस्टबिन को महत्व दिया जाए। घर की हर दिन की गंदगी को इधर-उधर फैंकने की बजाए कूंड़े दान में डालने की आदत बने और इस गंदगी को ठिकाने लगाकर इससे जैविक खाद तैयार हो सके।
प्राकृतिक जल स्त्रोत एक कुदरत का तोहफा है। ऐसे मे ंइस तोहफे की नजरअंदाजगी सही नहीं है। अगर हमीरपुर में प्राकृतिक जल स्त्रोत अनदेखी का शिकार हुए है। तो इनके र्जीणोद्वार के लिए प्रशासन कदम उठाएगा। इसके लिए मैं स्वंय आम लोगों तक पहुंचुगा वहीं कार्यालय का द्वार भी फरियादियों के लिए हमेशा खुला रहेगा।
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